यूक्रेन और रूस के बीच जारी महायुद्ध के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने युद्धग्रस्त देश यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों पर एक दावा किया था। जोशी का यह दावा उनपर भारी पद रहा है, दरअसल जोशी ने कहा कि “विदेशों में चिकित्सा का अध्ययन करने वाले लगभग 90 प्रतिशत भारतीय छात्र भारत में योग्यता परीक्षा पास करने में विफल रहते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि यह “बहस करने का सही समय नहीं है कि छात्र चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए बाहर क्यों जा रहे हैं।”
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने किया बड़ा दावा
विदेश में बैचलर ऑफ मेडिसिन, बैचलर ऑफ सर्जरी या एमबीबीएस की डिग्री पूरी करने वाले छात्रों को भारत में डॉक्टर के रूप में अभ्यास करने के लिए विदेशी मेडिकल ग्रेजुएशन एग्जाम पास करने की आवश्यकता होती है।जोशी की यह टिप्पणी तब आई जब हजारों भारतीय छात्र, जिनमें से ज्यादातर चिकित्सा का अध्ययन कर रहे हैं, यूक्रेन में फंस गए हैं क्योंकि रूस आक्रमण के जरिये यूक्रेन पर दबाव बना रहा है। बता दें कि बड़ी संख्या में छात्र भारत से यूक्रेन में अध्ययन करने जाते हैं क्योंकि वहां चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करना सस्ता पड़ता है। इसके अलावा, चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए सीटों की संख्या भी यूक्रेन में भारत की तुलना में अधिक है।
भारतीय छात्रों के विदेश में शिक्षा लेने पर PM ने जताई थी चिंता
बताते चलें कि 26 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय छात्रों के पढ़ाई के लिए विदेश जाने पर चिंता जताई थी। मोदी ने कहा था, “हमारे बच्चे पढ़ाई के लिए छोटे देशों में जा रहे हैं, खासकर चिकित्सा शिक्षा के लिए।भाषा वहां एक समस्या है। वो अभी भी जा रहे हैं..।” पीएम मोदी ने निजी क्षेत्र से चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री जोशी ने यह भी कहा कि भारत ने अपने दूतावासों में अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारतीय नागरिक यूक्रेन से सुरक्षित लौट सकें।
जोशी बोले यूक्रेन में भारतीय नागरिकों नहीं बनाया जा रहा निशाना
केंद्रीय मंत्री ने उन अफवाहों को भी खारिज कर दिया कि यूक्रेन में भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा था क्योंकि भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान से परहेज किया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक ऐसी खबरों की पुष्टि नहीं की है। हालांकि, जोशी ने स्वीकार किया कि यूक्रेन में छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें भोजन और पानी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा,”हम यूक्रेन सरकार और रूस के साथ दैनिक आधार पर संपर्क में हैं और हम जल्द ही सभी छात्रों को घर वापस लाएंगे।”
विपक्ष ने किया केंद्रीय मंत्री जोशी का घिराव
जोशी के इस विवादित बयान पर सियासत गर्म हो गयी है, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप स्रजेवाला ने ट्वीट कर मोदी सरकार के मंत्री पर निशाना साधा है। सुरजेवाला ने कहा कि “प्रह्लाद जोशी जी, मोदी सरकार ने 20,000 बच्चों को अपने हाल पर छोड़ दिया, जुम्मेवारी से पीठ दिखा दी और कमियाँ यूक्रेन गए भारतीय छात्रों में से निकाल रहे हैं।यह शर्मनाक है। यह असंवेदनशीलता और सत्ता के गुरूर की पराकाष्ठा है। बच्चों और उनके परिवारों से माफ़ी माँगे।
इसके साथ ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) कि नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि यूक्रेन में स्थिति बहुत गंभीर है, वहां फंसे लोगों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए बेहद संवेदनशील है जो बेहद तनावग्रस्त और चिंतित हैं। उन्होंने आगे लिखा कि “हमारा ध्यान सभी नागरिकों को सुरक्षित घर पहुंचाने पर होना चाहिए। मुझे इस बात का डर है कि केंद्र सरकार के कुछ मंत्री यह अच्छी तरह जानते हैं कि हमारे बच्चों की जान को खतरा है, वे इस तरह की भद्दी, असंवेदनशील और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी कर रहे हैं।”