रामेश्वरम में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 92वीं जयंती मनाई गई। उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य में रामेश्वरम के पकारुम्बु में कलाम के स्मारक को फूलों से सजाया गया। डॉ. कलाम का जीवन और शिक्षाएं आज भी दुनिया भर के छात्रों, वैज्ञानिकों और नेताओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। बैलिस्टिक मिसाइलों और लॉन्च वाहन प्रौद्योगिकी के विकास पर उनके काम के लिए उन्हें 'भारत के मिसाइल मैन' के रूप में जाना जाता था।
फातिहा का किया गया पाठ
रामेश्वरम के मुस्लिम जमातदारों और कलाम परिवार ने फातिहा का पाठ किया। यह एक तरह के मुस्लिम प्रतिष्ठान होता है। इसके बाद, पवित्र पुस्तक कुरान का हृदय 'यासीन' मरणोपरांत कलाम को समर्पित कर दिया गया। इसके बाद, इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ, जिला कलेक्टर पी विष्णुचंद्रन, रामनाथपुरम के सांसद नवस्कनी और कलाम परिवार ने स्मारक पर फूल चढ़ाकर प्रतिष्ठित शख्सियत को अपना सम्मान दिया। कलाम के स्मारक में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और स्मारक पर फूल बरसाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सोमनाथ ने खास मौके पर 'रामेश्वरम मैराथन' को हरी झंडी भी दिखाई। जिला कलेक्टर पी विष्णुशंद्रन के नेतृत्व में सुबह छह बजे रामेश्वरम में मैराथन आयोजित की गई, जहां बड़ी संख्या में युवा शामिल है।
नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति कलाम को दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति कलाम को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "अपने विनम्र व्यवहार और असाधारण वैज्ञानिक प्रतिभा के लिए लोगों के चहेते पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि। राष्ट्र निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान को हमेशा श्रद्धा के साथ याद किया जाएगा।"