इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में जयपुर के परकोटा और गुजरात के पाटन स्थित बावड़ी की झलक देखने को मिलेगी। स्थापत्य कला की इन दोनों उत्कृष्ट ऐतिहासिक कृतियों को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया जा चुका है।
गणतंत्र दिवस की परेड में सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक की 550 वीं जयंती का भी चित्रण होगा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इस वर्ष पहली बार जम्मू कश्मीर की झांकी एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में दिखाई देगी। कुल 22 झांकियों में से 16 विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की होंगी।
छह झाकियों में मंत्रालयों, विभागों और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल को प्रदर्शित किया जाएगा। दिल्ली छावनी में बुधवार को आयोजित एक समारोह में इन झांकियों का अनावरण किया गया। असम और मेघालय पूर्वोत्तर राज्यों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
यूनेस्को द्वारा 2019 में विश्व धरोहर घोषित जयपुर की चारदीवारी (परकोटा) राजस्थान की झांकी का मुख्य आकर्षण होगी जो गुलाबी शहर की स्थापत्य कला की भव्यता प्रदर्शित करेगी।
परेड में पंजाब की झांकी में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती मुख्य आकर्षण होगी। पंजाब की झांकी में सिख पंथ की स्थापत्य कला और सांस्कृतिक धरोहर भी दिखाई जाएगी और उसमें सिख पंथ की शिक्षा “कीरत करो”, “नाम जपो” और “वंड छको” प्रदर्शित की जाएगी।
गुजरात की स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण रानी की वाव राज्य की झांकी का मुख्य आकर्षण होगा। झांकी के साथ कलाकार लोक नृत्य करते दिखाई देंगे। जम्मू कश्मीर की झांकी में क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक के रूप में एक शॉल बुनकर को दिखाया जाएगा।
पशु पक्षी और बाग बगीचे झांकी के बीच में दिखाए जाएंगे जिनके साथ डोगरा और कश्मीरी लोक संस्कृति प्रदर्शित होगी।
गणतंत्र दिवस की भव्य परेड में शामिल होने वाले अन्य प्रदेश हैं- छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक।
रक्षा मंत्रालय को झांकी के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 32 और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से 24 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि इसके अतिरिक्त थल सेना, वायुसेना और नौसेना की अपनी झांकियां होंगी।
पश्चिम बंगाल की झांकी का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिए जाने के मामले पर रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा, “सब कुछ मेरिट पर आधारित था और जिन झांकियों को समिति द्वारा अस्वीकार किया गया उनमें कुछ कमियां पाई गईं।” विशेषज्ञों की एक समिति ने दो बार की गई बैठक में झांकियों की समीक्षा की थी।