नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री आरुषि तलवार हत्याकांड में गुरुवार को इलाहबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने सीबीआई के सबूतों को नाकाफी माना और सबूतों के अभाव में तलवार दंपत्ति को कातिल मानने से इनकार कर दिया। जस्टिस बी के नारायण और जस्टिस ए के मिश्रा की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा है कि सीबीआई की दलील में दम नहीं है। वारदात के वक्त घर में सिर्फ राजेश और नुपूर तलवार थे इसलिए हत्या इन्हीं लोगों ने की ये साबित नहीं होता. हत्याकांड में कोई ठोस सबूत नहीं है। तलवार दंपति को संदेह का लाभ दिया जाता है।
आरुषि के माता पिता राजेश तलवाल और नुपुर तलवार अभी गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद उन्हें आज रिहा किया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक तलवार दंपत्ति फैसले से खुश हैं और पूरी रात सो भी नहीं पाए। कानूनी प्रक्रिया के तहत फैसला आने के बाद अब तलवार दम्पत्ति के वकील कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी लेकर गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट लेकर पहुंचेंगे। इसके बाद सीबीआई कोर्ट रिलीज ऑर्डर जारी करेगी जिसे डासना जेल में देना होगा। इसके बाद ही तलवार दम्पत्ति की रिहाई हो सकेगी।
सीबीआई की विशेष अदालत ने राजेश-नुपुर तलवार दंपत्ति को अपनी बेटी आरुषि और घरेलू नौकर हेमराज के कत्ल का दोषी पाया था और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी। खंडपीठ ने तलवार दंपति की अपील पर सात सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और फैसला सुनाने की तारीख 12 अक्टूबर तय की थी।
पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले इस केस की कहानी 2008 में शुरू हुई थी. 16 मई 2008 को नोएडा के जलवायु विहार इलाके में 14 साल की आरुषि का शव बरामद हुआ। अगले ही दिन पड़ोसी की छत से नौकर हेमराज का भी शव मिला। केस में पुलिस ने आरुषि के पिता राजेश तलवार को गिरफ़्तार किया। 29 मई 2008 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई की जांच के दौरान तलवार दंपति पर हत्या के केस दर्ज हुए।
मर्डर केस में सभी पक्षों की सुनवाई के बाद सीबीआई कोर्ट ने 26 नवंबर 2013 को नुपुर और राजेश तलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। सीबीआई के फैसले के खिलाफ़ आरुषि की हत्या के दोषी माता-पिता हाई कोर्ट गए और अपील दायर की। राजेश और नुपुर फिलहाल गाजियाबाद की डासना जेल में सजा काट रहे हैं।
कदम-कदम पर चूक
- पुलिस हत्या की सूचना के बाद घर पहुंची और छानबीन शुरू की। आरुषि के कमरे में आने से रिश्तेदारों को नहीं रोका।
- घटनास्थल का निरीक्षण करने आए अधिकारियों ने मात्र दस मिनट में घटनाक्रम को समझा।
- आरुषि के कमरे से पुलिस ने खून के नमूने व बेडशीट, गद्दे का टुकड़ा भी बड़ी लापरवाही से जब्त किया।
- घर के बाहर या छत की ओर जाने वाले रास्तों की गहनता से जांच नहीं की।
- छत के ऊपर हेमराज की लाश पुलिस ने नहीं देखी।
- दोबारा भी घटनास्थल का मुआयना करने पर लापरवाही बरती।
- मीडिया के पहुंचने के दो घंटे बाद पहुंचे फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट।
- खून के नमूने व कूलर में खून वाला पानी ही लिया कब्जे में।
- पहले दिन कंप्यूटर व लैपटॉप जब्त नहीं किया गया।
आरुषि तलवार की मां नूपुर का इंटरव्यू (वीडियो)
नोएडा में जलवायु विहार के बहुचर्चित आरुषि तलवार और हेमराज हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया है। हालांकि इसका बात का खुलासा आज तक नहीं हो पाया कि आरुषि का हत्यारा आखिर कौन था। जेल में लगभग साढ़े सात साल बीत जाने के बाद जेल सुधार कार्यकर्ता और मीडियाकर्मी वर्तिका नंदा ने जब नूपुर तलवार से बात की थी तो उन्होंने कहा था कि आरुषि को खोने के बाद हमने दर्द ही देखा है। साढ़े सात जेल में हो गए कभी खुशिया नहीं आईं।
‘तिनका तिनका डासना’ नामक किताब का अंग्रेजी में अनुवाद जेल में रहकर नूपुर तलवार ने किया। इस किताब में राजेश और नूपुर तलवार की जीवन में पहली बार लिखी कविताएं भी शामिल हैं। यह सारी कविताएं आरुषि पर ही हैं। यह पहला मौका है जब किसी बंदी के साथ इतना अनूठा प्रयोग हुआ।
उल्लेखनीय है कि दंत चिकित्सक राजेश तलवार और नूपुर तलवार की 14 साल की बेटी आरुषि और उनके घरेलू नौकर हेमराज की हत्या नोएडा में जलवायु विहार के एल-32 फ्लैट में 15-16 मई 2008 की रात कर दी गई थी। इस मामले में नोएडा पुलिस ने जांच के बाद आरूषि के माता पिता राजेश तलवार और नूपुर तलवार को नामजद किया था। इस मामले में 23 मई 2008 को राजेश तलवार को गिरफ्तार किया गया।