अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारत में धार्मिक स्थलों पर बेहद आत्म अनुशासन और सतर्कता बरती गई और इसने समूची दुनिया के लिये उदाहरण पेश किया।
उन्होंने कहा कि दुनिया के लगभग सभी धर्मों के लोग भारत में रहते हैं और कोरोना वायरस संकट के दौरान विभिन्न त्योहार और धार्मिक आयोजन भी हुए। हजरत निजामुद्दीन दरगाह में प्रार्थना के बाद नकवी ने कहा, “देश के लोगों ने संयम, सजगता, संवेदनशीलता का प्रदर्शन किया और महामारी को रोकने के लिये ऐहतियात बरतते हुए सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों का पालन कर सभी त्योहार मनाए।”
नकवी ने दरगाह में लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिये कामना की। करीब पांच महीने बाद दक्षिण दिल्ली स्थित इस दरगाह को रविवार को खोला गया लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से यहां शाम को आयोजित होने वाली कव्वाली फिलहाल नहीं होगी।
मंत्री ने कहा कि सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने महामारी के दौरान बेहद आत्म संयम, आत्म अनुशासन और सजगता दिखाई। उन्होंने कहा कि भारत में धार्मिक स्थलों पर भी बेहद आत्म संयम, आत्म अनुशासन और सतर्कता देखने को मिली जिसने दुनिया के सामने एक उदाहरण पेश किया है।
कई धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है जबकि कुछ राज्यों में धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत अभी नहीं दी गई है। नकवी ने कहा, “हमें इस स्थिति में घबराने की नहीं ऐहतियात बरतने की जरूरत है। हमें ‘जान भी, जहान भी’ के संकल्प के साथ संयम, सावधानी और संवेदनशीलता सुनिश्चित करते हुए जिंदगी के सफर को आगे बढ़ाना है।”