उपराष्ट्रपति एम वेकैंया नायडू ने रविवार को यहां कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किया जाना देश के लोगों के भले के लिए था और उनकी जिंदगी का ऐतिहासिक पल था। उपराष्ट्रपति ने कहा, “बचपन से ही यह मेरे जीवन की महत्वाकांक्षा और मिशन था। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। इसमें कोई अल्पविराम या प्रश्न चिह्न नहीं है । कश्मीर का एक-एक इंच भारत का है। वे समान नागरिक हैं। यह मेरा विश्वास है।”
उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक विधेयक पारित होने के समय राज्यसभा की अध्यक्षता करने में उन्हें प्रसन्नता हुई। नायडू ने विधेयक को सदन में पेश किए जाने से एक दिन पहले के ‘तनाव’ को याद किया। उपराष्ट्रपति एसपीएस नेल्लोर जिले में वेंकटचलम में अपने स्वर्ण भारत ट्रस्ट की 20 वीं सलागिराह के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने वाले विधेयक के उल्लेख पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, नायडू ने कहा कि यह लोगों की इच्छा थी, लेकिन इन सभी वर्षों में किसी भी कारण से इसका सम्मान नहीं किया गया। उपराष्ट्रपति ने बताया, “ विधेयक को पेश करने से एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे घर आए और मुझे बताया कि कश्मीर विधेयक सबसे पहले राज्यसभा में पेश किया जाएगा। मैंने उनसे कहा कि हम लोकसभा में ऐसा क्यों नहीं करते, जहां आपके पास दो-तिहाई बहुमत है। उन्होंने कहा कि वेंकैया जी, बेहतर है पहले राज्यसभा में कर लें।”
उन्होंने कहा कि इस तरह का संदेह और अंदेशा था कि (राज्यसभा में) कुछ हो सकता है। नायडू ने कहा, “ तनाव था। मैं चिंतित था। मेरी पत्नी और बेटी मेरे स्वास्थ्य को लेकर परेशान थी क्योंकि कश्मीर पर सदन में कुछ भी सकता है। हमने हमारे हृदय के डॉक्टर बलराम भार्गव को फोन किया। उन्होंने कहा कि वह दीर्घा में बैठेंगे, इसलिए चिंता न करें।”नायडू ने कहा, “कई लोगों को डर था कि कहीं खून-खराबा न हो जाए। लेकिन जिस तरह से अमित शाह ने इसे सदन में पेश किया, उससे सब कुछ ठीक रहा।
इसे जल्दबाजी में नहीं, बल्कि विस्तृत चर्चा के बाद पारित किया गया। सभी को बोलने का मौका दिया गया।’ उन्होंने कहा, “लोग अनुच्छेद 370 हटाए जाने की उम्मीद कर रहे थे। यह लोगों के भले के लिए है। इसे बिना किसी घटना के राज्यसभा में पारित कर दिया गया। मैं इसके लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की सराहना करता हूं। यह मेरे जीवन का एक ऐतिहासिक क्षण है।” इससे पहले अपने भाषण में, गृह मंत्री ने कहा कि कैसे वेंकैया नायडू अपने छात्र दिनों से अनुच्छेद 370 के विरोधी थे।