करीब छह सौ वैज्ञानिकों और विज्ञान के शिक्षकों ने राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया को पत्र लिखकर कहा है कि वह गोबर की चिप से मोबाइल फोन विकिरण कम करने में मदद मिलने संबंधी अपनी दावों को साबित करने के लिए साक्ष्य पेश करें। ‘इंडिया मार्च फॉर साइंस’ की मुंबई शाखा ने एक बयान में कहा कि वैज्ञानिकों ने यह भी जानकारी मांगी है कि इस संबंध में वैज्ञानिक प्रयोग कब एवं कहां हुए और मुख्य जांचकर्ता कौन था।
उन्होंने यह भी जानकारी मांगी कि इस संबंधी अध्ययन के परिणाम कहां प्रकाशित हुए। कथीरिया ने पिछले सप्ताह दावा किया था कि घरों में गोबर रखने से ‘विकिरण’ कम होता है और एक ‘गोबर की चिप’ बनाई गई है जो मोबाइल फोन से होने वाले विकिरण को कम कर सकती है। इसके लिए कथीरिया सोमवार को ‘कामधेनु दीपावली अभियान’ के राष्ट्रव्यापी अभियान के दौरान गाय के गोबर से बनी एक चिप का अनावरण किया और दावा किया कि यह मोबाइल हैंडसेट से निकलने वाले रेडिएशन को काफी कम कर देता है।
कथीरिया ने इस बारे में कहा, देखिए यह एक रेडिएशन चिप है। आप इसे अपने मोबाइल में रख सकते हैं। हमने देखा है कि अगर आप इस चिप को अपने मोबाइल में रखते हैं, तो यह रेडिएशन को काफी हद तक कम कर देता है। अगर आप बीमारी से बचना चाहते हैं, तो इसका प्रयोग कर सकते हैं। इस चिप को गौसत्व कवच का नाम दिया गया है। गौसत्व कवच को गुजरात के राजकोट स्थित श्रीजी गौशाला द्वारा निर्मित किया गया है। इसी सम्बन्ध में वैज्ञानिकों और विज्ञान के शिक्षकों ने कथीरिया से मोबाइल रेडिएशन कम करने के सबूत पेश करने के लिए एक पत्र लिखा है।