दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में इकट्ठा हुए हजारों लोगों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कोरोना वायरस के मद्देनजर देश की सीमाएं सील होने से पहले ही यहां से जा चुके ऐसे 360 विदेशियों को काली सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जिन्होंने भारत में तबलीगी जमात की गतिविधियों में हिस्सा लिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने उन 960 विदेशियों को प्रत्यर्पित किए जाने की बात को भी खारिज कर दिया जो पर्यटन वीजा पर यहां आए थे और तबलीगी गतिविधियों में शामिल थे। मंत्रालय ने कहा कि इन लोगों के खिलाफ पहले ही विदेशी अधिनियम के तहत वीजा शर्तों के उल्लंघन और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
मंत्रालय ने कहा कि सभी पुलिस महानिदेशकों और पुलिस आयुक्तों को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई के लिये निर्देश दिया गया है। तबलीगी जमात से जुड़े, काली सूची में डाले गए 960 विदेशियों को प्रत्यर्पित किए जाने संबंधी एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी ने कहा, “इस स्तर पर प्रत्यर्पण का कोई सवाल ही नहीं जब प्रत्यर्पण होगा तो वह स्वास्थ्य दिशानिर्देश के मानकों के मुताबिक होगा।”
निजामुद्दीन पश्चिम में तबलीगी जमात का मरकज देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार के प्रमुख केंद्र के तौर पर सामने आया है। 1 से 15 मार्च के बीच यहां हजारों लोग एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। कई राज्यों में इनमें से कई प्रतिभागी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और इस बीमारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों पर कथित हमले के मामलों में सख्त कार्रवाई करने को भी कहा है। मंत्रालय ने स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र से जुड़े लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।