कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना देना चाहिए। बता दें कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से कश्मीर में लगातार स्थिति में सुधार हो रहा है। इसके मद्देनजर अधिकतर स्थानों पर लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं बहाल कर दी हैं। वही, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को राज्य में दवाओं और आवश्यक वस्तुओं की किसी कमी से इनकार करते हुए कहा कि संचार माध्यमों पर पाबंदियों की वजह से वहां बहुत सी जिंदगियां बचीं।
सत्यपाल मलिक के इस बयान के बाद आज अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुझे लगता है कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को जम्मू-कश्मीर के लिए भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए क्योंकि उनके व्यवहार के साथ-साथ उनके बयान भी भाजपा नेता की तरह हैं।
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने कल कहा था कि जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत दिए गए विशेष दर्जे को खत्म करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद राज्य में हिंसा में किसी शख्स की जान नहीं गई है। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि राज्य में प्रतिबंध कब तक जारी रहेंगे, उन्होंने कहा, "अगर संचार माध्यमों पर अंकुश लगाने से जिंदगी बचाने में मदद मिलती है तो इसमें क्या नुकसान है?"
मलिक ने कहा कि पूर्व में जब कश्मीर में संकट होता था, तो पहले ही हफ्ते में कम से कम 50 लोगों की मौत हो जाती थी। उन्होंने कहा, "हमारा रवैया था कि इंसानी जान नहीं जानी चाहिए। 10 दिन टेलीफोन नहीं होंगे, नहीं होंगे, लेकिन हम बहुत जल्द सब वापस कर देंगे।"
मलिक ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में कहीं भी दवाओं और आवश्यक वस्तुओं की कमी नहीं है और लोगों की खरीद के लिए पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने कहा, "वास्तव में, ईद में हमने लोगों के घरों पर मीट, सब्जियों और अंडों की आपूर्ति की।"