सरकार ने बुधवार को संसद में कहा कि केंद्र ने राज्यों को परामर्श दिया है कि जो कैदी अपनी सजा पूरी करने के बावजूद जुर्माना नहीं देने के कारण जेल में बंद हैं, उन्हें माफी देकर रिहा किए जाने पर विचार किया जाए। गृह राज्य मंत्री अजय कुमार ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।
जुर्माना माफ कर कैदियों को रिहा करने पर विचार करें
उन्होंने कहा कि किसी मामले में सजा पूरी करने के बाद कैदी अन्य कारणों से भी जेल में बंद रहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कारणों में किसी अन्य मामले में जमानत नहीं मिलना या जुर्माने का भुगतान नहीं किया जाना भी शामिल हैं। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि ऐसे कैदियों के लिए केंद्र ने परामर्श जारी किया है जो जुर्माना नहीं भरने के कारण, सजा पूरी काट लेने के बावजूद जेल में हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्यों से कहा कि वे ऐसे मामले में जुर्माना माफ कर कैदियों को रिहा करने पर विचार करें। उन्होंने हालांकि कहा कि यह विषय राज्य सरकारों का है और उन्हें ही कदम उठाने हैं।
राज्यों को 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता
कुमार ने कहा कि गृह मंत्रालय ने ‘ई-प्रिजन’ पोर्टल को सुदृढ करने के लिए राज्यों को 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। ‘ई-प्रिजन’ का मकसद कारागारों के क्रियाकलापों के स्वचालन हेतु सूचना प्रौद्योगिकीय (आईटी) समाधान प्रदान करना है, जिसमें कारागार संबंधी रिकॉर्ड डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध कराए जाते हैं ताकि कैदियों की रिहाई की तारीख, पैरोल, माफी, शिकायतों का निराकरण आदि की सूचना उन्हें सीधे उपलब्ध कराई जा सके।