प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की, जो दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई। यह बैठक डेलावेयर के विलमिंगटन में बाइडन के आवास पर हुई, जहां दोनों नेता एक दूसरे से गले मिले। इसके बाद बाइडन मोदी का हाथ पकड़कर उन्हें अपने घर के अंदर लेकर गए जहां द्विपक्षीय वार्ता हुई ।
भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। इस मुलाकात को न केवल द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।, बल्कि वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर आपसी सहयोग को भी मजबूती मिलेगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि यहां क्वाड शिखर सम्मेलन के इतर मिले दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।
भारत-अमेरिका संबंध: पहले से अधिक मजबूत और गतिशील
राष्ट्रपति बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी मुलाकात के बाद 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, "भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक मजबूत, घनिष्ठ और अधिक गतिशील है।" प्रधानमंत्री मोदी के साथ जब भी हम बैठते हैं, मैं सहयोग के नए क्षेत्रों को खोजने की हमारी क्षमता से बहुत प्रसन्न होता हूं। आज भी कुछ अलग नहीं था।"
सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, व्यापार और आर्थिक संबंधों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि क्वाड शिखर सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इस बातचीत में सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, व्यापार और आर्थिक संबंधों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा हुई, जिसका उद्देश्य आपसी हितों को साधने और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट प्रयास करना था।
यूक्रेन और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन की मुलाकात से पहले बताया था कि इस द्विपक्षीय बैठक में यूक्रेन युद्ध और प्रधानमंत्री मोदी की हालिया यूक्रेन यात्रा पर प्रमुखता से चर्चा की जाएगी।
क्वाड शिखर सम्मेलन: शांति और प्रगति की दिशा में नई पहल
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेना था, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न नई पहलों की घोषणा की गई। चार सदस्यीय क्वाड, जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में एक स्वतंत्र, खुला और समावेशी वातावरण बनाए रखना है। चीन की बढ़ती प्रभावशाली स्थिति को देखते हुए, यह गठबंधन वैश्विक रणनीतिक संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा भी मौजूद हैं। अमेरिकी दल में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के लिए राष्ट्रपति के सहायक टी एच जेक सुलिवन और भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी शामिल हैं।
अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर यहां आए मोदी ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। दोनों नेता क्वाड शिखर सम्मेलन के शिरकत करने के लिए यहां आए हैं।
राष्ट्रपति बाइडन अपने गृहनगर विलमिंगटन में वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। उम्मीद है कि इस बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न नयी पहल की शुरूआत की जाएगी। इसके अलावा यूक्रेन और गाजा में संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के तरीके तलाशे जाएंगे।
भारतीय प्रवासियों से जुड़ाव
फिलाडेल्फिया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत भारतीय प्रवासी समुदाय द्वारा किया गया, जो इस यात्रा का एक और महत्वपूर्ण पहलू था। प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों के साथ मुलाकात की, उनके आशीर्वाद को संजोया और भारत-अमेरिका संबंधों में उनके योगदान की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारतीय समुदाय ने अमेरिका में अपनी अलग पहचान बनाई है और विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव डाला है। उनके साथ बातचीत करना हमेशा खुशी की बात होती है। आइये उन बंधनों का जश्न मनाएं जो हमारे देशों को जोड़ते हैं!"
बता दे कि विलमिंगटन से मोदी न्यूयॉर्क जाएंगे जहां वह 22 सितंबर को लॉन्ग आइलैंड में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसके अगले दिन उनका संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक सम्मेलन में हिस्सा लेने का कार्यक्रम है।
प्रधानमंत्री के अन्य कार्यक्रमों में लॉन्ग आइलैंड में भारतीय प्रवासी समुदाय के एक कार्यक्रम में शामिल होना तथा कृत्रिम बुद्धिमता, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों पर काम कर रही अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ एक गोलमेज बैठक में भाग लेना शामिल है।