देश में जारी चुनाव प्रक्रिया के बीच आय कर विभाग के छापों के बाद शिवसेना ने भाजपा की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार के नोटबंदी अभियान की सफलता पर सवाल उठाते हुए कहा कि नोटबंदी का लक्ष्य काले धन के प्रवाह को समाप्त करना और चुनावों के दौरान अवैध रूप से धन वितरण को रोकना था ।
भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी शिवसेना ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में प्रमुख राजनीतिक दलों और उनके नेताओं पर आय कर विभाग का छापा पड़ा जिसमें बड़े पैमाने पर नकदी जब्त की गयी ।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि द्रमुक नेता कनिमोइ के आवास पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी । इस पर विपक्ष आरोप लगा रहा है कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल द्रमुक पर दवाब बनाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रहा है ।
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शिवसेना ने कहा, ‘‘तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक की सरकार है और भारतीय जनता पार्टी उनके साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है ।
उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के सहयोगी के पास से 100 करोड़ रुपये बरामद किये गये है और अबतक महाराष्ट्र में करीब 211 करोड़ रुपये जब्त किये गए हैं ।
संपदकीय में लिखा गया है, ‘‘नोटबंदी का मकसद काले धन के स्रोत को बंद करना था । यह कहा गया था कि यह अभियान कश्मीर में आतंकवाद को रोकेगा और आतंकवाद को फंडिंग पर लगाम लगाने में सफलता मिलेगी ।’’
शिवसेना ने कहा है कि नयी सरकार को आतंकवाद फंडिंग और भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कदम उठाना होगा । इसमें कहा गया है कि नक्सलियों और आतंकवादियों के पास अब भी काला धन है और इसका इस्तेमाल लोगों की हत्या के लिए किया जा रहा है ।