लुधियाना-बठिण्डा : पंजाब के मालवा इलाके में स्थित मौड़ मंडी में एक दर्दनाक मामला सामने आया है। जिसमें गरीबी और कंगाली के चलते बेटे ने अपने ही मृतक पिता की लाश को घर में ही दफना दिया। जानकारी अनुसार बठिण्डा स्थित मौड़ मंडी में मृतक सुरजीत सिंह जिनका गांव बुर्ज हरिसिंह था और वह कभी होमगार्ड में नौकरी करते थे, उनकी पत्नी और बेटी की मौत के पश्चात वह काफी निराशा के आलम के चलते कामधंधा छोड़ चुके थे और इसी बीच एक दिन उनका दिमागी संतुलन बिगड़ गया।
रोजगार का कोई साधन ना होने के कारण उनका 16 वर्षीय बेटा अपने ही तरीके से बाप की देखरेख करता रहता था। पिछले दिनों अचानक सुरजीत सिंह की मौत हो गई। उनके बेटे के पास बाप के संस्कार के लिए पैसे ना थे , हालांकि उसने अपने चाचा और ताया को बाप की मृत्यु के बारे सूचना भी दी परंतु मृतक के भाईयों ने उसकी कोई परवाह ना की, इसी बीच बेटे ने चाचा और ताया से पिता के संस्कार के लिए पैसे भी मांगे किंतु उन्होंने मना कर दिया। आखिर मन ही मन में बेटे ने मृतक बाप की लाश को घर में ही दफनाने का निर्णय किया और उसने इस समस्त कार्य को अंजाम भी दे दिया।
आज कुछ दिनों बाद लाश से उठी बदबू गांव में फैली तो पड़ोसियों ने देखा कि सुरजीत सिंह की लाश को कुत्ते नोच रहे है और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। गांववासियों के मुताबिक मृतक और उसका बेटा बहुत ही ज्यादा गरीब थे। उनकी रोटी भी गुरूद्वारे से ही आती थी। घर में ना चूल्हा, ना चौका और ना ही सिलेंडर था।
सोने के लिए एकमात्र पुराना बिस्तर ही उनका सहारा था। सुरजीत और उसका बेटा एक किराए के मकान में रहते थे और उनकी गरीबी के कारण मकान मालिक ने भी कभी उनसे किराए की मांग नहीं की। गांववासियों के मुताबिक उन्होंने सुरजीत सिंह के बेटे के बेटे को पहले भी कहा था, अगर पिता के इलाज के लिए पैसा चाहिए, तो ले सकता है किंतु अपने पिता की चिंता होने के कारण उसने पैसे किसी से नहीं मांगे। जब गांव वालों को इस घटना का पता लगा तो उन्होंने मृतक सुरजीत के बेटे से पूछा कि उसने अपने पिता का दाह संस्कार क्यों नहीं किया? तो उसने बताया कि उसके पास संस्कार के लिए पैसे नहीं थे। फिल्हाल पुलिस ने लाश का पोस्टमार्टम करवाने के बाद लाश को वारिसों के हवाले करके और गांववासियों की सहायता से दाह संंस्कार कर दिया है और मामले की तफतीश जारी है।
– सुनीलराय कामरेड