रायपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बस्तर दौरे से ठीक पहले नक्सलियों द्वारा किए गए सीरियल ब्लास्ट के बाद सुरक्षा के उपायों पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं सरकार के दावों को लेकर विपक्ष ने नक्सल विरोधी अभियान को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। इधर पीएम के दौरे से पहले माओवादियों ने धमाके कर अपनी मौजूदगी का भी अहसास करा दिया है। सुरक्षा बलों पर हमले कर नक्सली प्रधानमंत्री के बस्तर दौरे पर बे्रक लगाना चाहते हैं।
हालांकि इस मामले में अब तक पीएमओ की ओर से दौरे में किसी तरह के बदलाव की सूचना नहीं है। बस्तर के बीजापुर जिले के जांगला में पीएम भारत आयुस्मान योजना का आगाज करेंगे। दरअसल, नक्सलियों ने जहां सीरियल ब्लास्ट किया वह पीएम मोदी के प्रस्तावित सभा स्थल से महज 3 किमी ही दूरी पर है। इस वारदात में दो जवानों की शहादत से भी गुस्सा फूट रहा है।
वहीं हमले के बाद आला अफसरों और सरकार की भी नींद उड़ी हुई है। वहीं अब तक सरकार के सुरक्षा के पुख्ता दावों की भी पोल खुल गई है। इधर पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए स्पेशल कमांडो का दस्ता भी बस्तर पहुंच गया है। करीब पांच सौ जवानों के घेरे में पीएम रहेंगे। सीआरपीएफ के इन जवानों के साथ आला अफसरों की एक टीम भी रवाना हो गई है। माना जा रहा है कि इस मामले में नए सिरे से कवायदें जोर पकड़ेेगी।
पीएम के कार्यक्रमों के ठीक चार दिन पहले ही इस विशेष दस्ते की तैनाती होती है। यह संबंधित कार्यक्रम स्थल की बारीकियों से पड़ताल करता है। वहीं इन जवानों की चप्पे चप्पे पर नजर होती है। इधर विशेष दस्ता अब राज्य पुलिस के जवानों के साथ समन्वय स्थापित कर नए सिरे से पीएम की सुरक्षा का घेरा तैयार करेगा। इसके लिए विशेष कवायदें हो रही है। इधर सरकार ने बीजापुर जिले में ही करीब दस हजार जवानों की तैनाती कर दी है।
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