रायपुर: माओवाद के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन के बाद टीम अपने कैंपों में लौट गई है। नारायणपुर और अबूझमाड़ में भेजे गए स्थानों का मैप तैयार किया गया है, उन इलाकों में इंटेलिजेंस को नजर रखने के लिए कहा गया है। राज्य पुलिस के अफसरों ने आशंका जताई है कि दोबारा माओवादी उन इलाकों में अपना मूवमेंट बढ़ा सकते हैं, मारे गए साथियों का बदला लेने के लिए वह बड़ी से बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं।
इससे निपटने के लिए फोर्स को अलर्ट रहने को कहा गया है। इधर पता चला है कि माओवादी अपने संगठन को मजबूत करने के लिए बड़ी संख्या में महिला माओवादियों को भर्ती कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है की मुठभेड़ में पांच महिला माओवादियों के मारे जाने के बाद इसकी पुष्टि होती है। इसके पहले दंतेवाड़ा जिले के बुरगुम में एक एनकाउंटर के बाद तीन महिला माओवादियों का शव भी बरामद किया गया था।
इसी तरह इटामेटा में भी तीन महिला नक्सली और तीन पुरुष माओवादी मारे गए थे इस में से तीन माओवादियों की शिनाख्त कर ली गई है। ऑपरेशन प्रहार टू में मुठभेड़ के दौरान मारे गए माओवादियों की शिनाख्त करने के लिए बस्तर के सभी थानों में फोटो सहित ब्यौरा दिया गया है।
बस्तर आईजी विवेकानंद ने बताया कि माओवादी लीडरों के जमावड़े की खबर पुलिस अफसरों को पहले से थी, राव घाट रेलवे लाइन के विरोध में वह बड़े विस्फोट की योजना को अंजाम देने के लिए एकत्रित हुए थे। इसे देखते हुए ऑपरेशन अबूझमाड़ इलाके में ओरछा से धुरबेड़ा और कुतुल की ओर लांच किया गया। इस अभियान में जिला पुलिस के साथ ही डीआरजी और एसटीएफ को शामिल किया गया था, उन्होंने बताया कि नारायणपुर और सुकमा इलाके में माओवादियों के मूवमेंट को देखते हुए इन इलाकों में फोकस करते हुए फ़ोर्स को फिर जंगलों में भेजा जाएगा।