नई दिल्ली : परमाणु क्षमता से लैस अग्नि-5 मिसाइल को भारत अपने इंटरकॉन्टिनेंटल (अन्तरमहाद्वीपीय) बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम के पहले बैच में शामिल करने की तैयारी में है। अग्नि-5’ की मारक क्षमता के दायरे में पूरा चीन आता है। इस मिसाइल प्रणाली से देश की सैन्य ताकत में जबर्दस्त इजाफा होने की उम्मीद है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 5,000 किमी की मारक क्षमता वाली यह मिसाइल प्रणाली परमाणु सामग्री ले जाने में सक्षम है। इस मिसाइल प्रणाली को सामरिक बल कमान (एसएफसी) में शामिल करने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि देश के सबसे अत्याधुनिक हथियार को एसएफसी को सौंपे जाने से पहले कई परीक्षण किए जा रहे हैं। रक्षा विशेषज्ञों ने बताया कि यह मिसाइल बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझाऊ और हांगकांग जैसे शहरों सहित चीन के किसी भी इलाके को लक्ष्य बनाकर भेदी जा सकती है। पिछले महीने अग्नि -5 का ओड़िशा तट से सफल परीक्षण किया गया था।
सूत्रों का कहना है कि एसएफसी में शामिल किए जाने से पहले कई अन्य परीक्षण अगले कुछ हफ्तों में होने वाले हैं। अग्नि-5 कार्यक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, ‘यह एक सामरिक संपत्ति है जो दूसरे देशों के लिए रोक का काम करेगी। हम इस सामरिक परियोजना के अंतिम चरण में हैं। ’ उन्होंने कहा कि अपनी श्रृंखला में यह सबसे आधुनिक हथियार है, जिसमें नौवहन के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियां हैं और परमाणु सामग्री साथ ले जाने की इसकी क्षमता दूसरी मिसाइल प्रणालियों से कहीं ज्यादा है। सूत्रों ने बताया कि अग्नि -5 का पहला बैच जल्द ही एसएफसी को सौंप दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने इस परियोजना के बारे में इससे ज्यादा बताने से इनकार कर दिया।