अग्निपथ योजना के तहत 4 साल के लिए तीनों सेनाओं में भर्ती होने वाले अग्निवीरों को 4 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सीएपीएफ और असम राइफल्स में नियुक्ति मिल सकेगी। गृहमंत्री अमित शाह ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि अग्निवीरों सीएपीएफ और असम राइफल्स में प्राथमिकता दी जाएगी।
गृह मंत्रालय की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस निर्णय से ‘अग्निपथ योजना’ से प्रशिक्षित युवा आगे भी देश की सेवा और सुरक्षा में अपना योगदान दे पाएंगे। इस निर्णय पर विस्तृत योजना बनाने का काम शुरू हो गया है।
मंत्रालय ने आगे कहा, ‘अग्निपथ योजना’ युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का एक दूरदर्शी व स्वागत योग्य निर्णय है। इसी संदर्भ में आज गृह मंत्रालय ने इस योजना में 4 साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है।
क्या है इस योजना में खास?
अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जायेगा, चार साल के लिए युवा देश की सेवा में अहम भूमिका निभाएंगे। इस दौरान उन्हें को आकर्षण वेतन मिलेगा। सेना की चार साल की नौकरी के बाद युवाओं को भविष्य के लिए और अवसर दिए जाएंगे।
इसके साथ ही चार साल की नौकरी के बाद सेवा निधि पैकेज मिलेगा। इस योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले ज्यादातर जवानों को चार साल बाद मुक्त कर दिया जाएगा। हालांकि, कुछ जवान अपनी नौकरी को जारी रख सकेंगे। 17.5 साल से 21 साल के युवाओं को मौका मिलेगा।
ट्रेनिंग 10 हफ्ते से 6 महीने तक होगी। 90 दिन अग्निवीरों की पहली भर्ती होगी। अगर कोई अग्निवीर देश सेवा के दौरान शहीद हो जाता है, तो उसके परिजनों को सेवा निधि समेत 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ब्याज समेत मिलेगी। सके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन दिया जाएगा।
इसके साथ ही अगर कोई अग्निवीर डिसेबिल हो जाता है, तो उसे 44 लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी। इसके अलावा बाकी बची नौकरी का भी वेतन मिलेगा। पूरे देश में मेरिट के आधार पर भर्तियां होंगी। जो लोग इन भर्ती परीक्षा में चयनित होंगे, उन्हें चार साल के लिए नौकरी मिलेगी।