दिल्ली की एक अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में गिरफ्तार कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका पर गुरुवार को फैसला सुरक्षित रखा। मिशेल ने ईस्टर का त्यौहार अपने परिवार के साथ मनाने के लिए सात दिन की अंतरिम जमानत मांगी थी।
विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने कहा कि वह दोनों ओर के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद शाम चार बजे फैसला सुनाएंगे। विशेष सरकारी अधिवक्ता डीपी सिंह ने सीबीआई एवं ईडी दोनों की ओर से अदालत में मिशेल की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि भारत में कई त्यौहार मनाए जाते हैं, हजारों कैदी जेल में हैं और सबकी अपनी धार्मिक आस्थाएं हैं इसलिए आरोपी को त्यौहार मनाने के लिए जमानत नहीं दी जा सकती।
उन्होंने कहा कि मिशेल हिरासत में रहकर भी ईस्टर मना सकता है। वकील ने कहा कि मिशेल के अंतरिम जमानत पर बाहर आने पर वह कोई बयान भी दे सकता है, जिससे जांच प्रभावित हो सकती है। वहीं मिशेल के वकील ने दलील दी कि क्योंकि आरोपपत्र दायर हो चुका है, तो सबूतों से छेड़छाड़ की कोई आशंका नहीं है।
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उन्होंने कहा कि आरोपी मामले में सहयोग कर रहा है और जमानत चाहता है। आरोपी द्वारा दायर याचिका में कहा गया, ‘‘ ईसाई होने के नाते उसे क्रिसमस के दौरान भी प्रार्थना में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी।” मिशेल ने याचिका में कहा, ”14 से 21 अप्रैल तक ईसाइयों का पवित्र सप्ताह है और 21 अप्रैल को ईस्टर है, जिसे दुनिया भर में मनाया जाता है। याचिकाकर्ता ईस्टर के दिन पवित्र प्रार्थना में हिस्सा लेना चाहता है और ईस्टर के दिन प्रार्थना करना चाहेगा।”
ईडी ने मिशेल और अन्य के खिलाफ चार अप्रैल को पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। दुबई से मिशेल को प्रत्यर्पित किए जाने के बाद ईडी ने 22 दिसंबर को उसे गिरफ्तार किया था।