ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने गुरुवार को कहा कि भारत में जून और जुलाई के महीने में कोरोना वायरस अपने चरम पर होगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान हमरे देश में कोरोना के उतने मामले नहीं बढ़े, जितने की दुनिया के अन्य देशों में बढ़े हैं।
उन्होंने कहा, मौजूदा आंकड़ों को देखते हुए और जिस तरह से देश में मामले बढ़ रहे हैं, तो संभावना है कि जून और जुलाई में कोरोना के मामलों में सबसे ज्यादा हो। उन्होंने यह भी कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन लागू करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला सराहनीय है। लॉकडाउन की वजह से देश में उतने मामले सामने नहीं आ रहे, जितने की दुनिया के अन्य देशों से सामने आए है।
एम्स के डायरेक्टर ने कहा, कोरोना के टेस्ट और पॉजिटिव मामलों का आंकड़ा अभी भी लगभग उतना ही है, जितना पहले था। उन्होंने ये भी कहा कि यदि लॉकडाउन नियमों का ठीक तरह से पालन होता रहे तो जल्द ही कोरोना मामलों का ग्राफ कम हो सकता है। कोरोना कब तक रहेगा या कितना लंबा चलेगा, इसको लेकर अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता।
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में बीते 8 से 10 दिन के भीतर काफी तेजी आई है। कोरोना मामलों में अब तेजी देखने को मिल रही है। इन्ही आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए माना जा रहा है कि अगले महीने में काफी मुश्किल समय देखना पड़ सकता है। गौरतलब है कि देश में अब तक 52 हजार से ज्यादा कोरोना मरीजों की पुष्टि हो चुकी है।