एम्स के एक सीनियर प्रोफेसर पर पैसे लेकर एक मरीज की सर्जरी करने का आरोप लगा है। प्रसूति विभाग के प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत एम्स के ही सुरक्षा गार्ड ने की है। मामला संज्ञान में आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एम्स से रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद एम्स ने चार प्रोफेसरों की जांच कमेटी गठित की है, जिसने अपनी रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी है। अस्पताल प्रशासन ने रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दी है।
बेटी का ऑपरेशन जरूरी, पिता गार्ड ने दी रिश्वत
सुरक्षा गार्ड ने अपनी शिकायत में लिखा है कि उनकी बेटी के ट्यूमर का स्त्री रोग विभाग में ऑपरेशन होना था। प्रोफेसर ने बताया कि ट्यूमर का ऑपरेशन करना होगा। इसकी कीमत 36000 रुपये होगी और यह पैसा नकद में देना होगा। उसने टीचिंग ब्लॉक चैंबर की तीसरी मंजिल पर आरोपी प्रोफेसर को पैसे दिए और जब उसने राशि की रसीद मांगी तो उसने मना कर दिया। गार्ड ने बताया कि बेटी की सर्जरी जरूरी है, इसलिए मैंने पैसे दिए।
जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि शिकायतकर्ता के आरोपों में दम है और अधिक पैसे लेकर सर्जरी के आरोपों से इनकार नहीं किया जा सकता है। कमेटी ने जब सर्जरी के अन्य मामलों में भी मरीजों से बात की तो एक अन्य मरीज ने माना कि डॉक्टर ने सर्जरी के लिए पैसे मांगे थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय सख्त
मामले की शिकायत मिलने के बाद से ही मंत्रालय ने एम्स प्रशासन से सख्त जांच कराने को कहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भ्रष्टाचार और पायरेसी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। इसे देखते हुए एम्स ने तत्काल मामले की जांच कर रिपोर्ट मंत्रालय को भेज दी है।