वायु सेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी ने मंगलवार को ‘जियो इंटेलीजेंस 2022’ में दिए अपने भाषण में कहा कि अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियां वायु शक्ति की क्षमता को काफी हद तक बढ़ाती हैं और भूसमकालिक कक्षाओं के साथ पारंपरिक संचार सुरक्षाओं ने लंबी अवधि की सेवा और कवरेज के व्यापक क्षेत्र के साथ अपनी कीमत साबित की है और पृथ्वी की निचली तथा मध्यम कक्षाओं में संचार उपग्रहों के अपने फायदे हैं।उन्होंने आगे कहा ‘‘अत: हम अत्यधिक प्रसार वाली पृथ्वी की निचली कक्षा में वाणिज्यिक क्षेत्र के कई लोगों को प्रवेश करते हुए देख रहे हैं।’’उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे पृथ्वी की निचली कक्षा के उपग्रहों की तकनीक विकसित होगी और हम निर्माण तथा प्रक्षेपण की कीमतें कम होती देखेंगे।
अंतरिक्ष क्षेत्र में नतीजे भविष्य के संघर्षों में विजेता का फैसला करेंगे
चौधरी ने कहा कि अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियों ने वायु शक्ति की क्षमता को बढ़ा दिया है।यह परिसंपत्तियां युद्ध क्षेत्र में पारदर्शिता प्रदान करती हैं, जो दुश्मन के इरादों को समझने में बहुत मदद करती हैं। जमीनी लड़ाइयों पर वायु शक्ति के असर की तरह एअरोस्पेस शक्ति तेजी से उभर रही है, जो जमीन पर सभी गतिविधियों को काफी हद तक प्रभावित करेगी।।उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकियों ने संसाधनों, रणनीतियों और विचारों की भारतीय वायु सेना की योजनाओं को साकार किया है। सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने वाली अग्रणी एजेंसी रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी वांछित क्षमताएं हासिल करने में असैन्य-सैन्य सहयोग के तालमेल में अहम भूमिका अदा करेगी।