गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए इसके लिए रुचि पत्र (ईओआई) और शेयर खरीद समझौते के लिए तैयार प्रारूप को मंजूरी दे दी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि रुचि पत्र और शेयर खरीद समझौते के इन प्रारूपों को एयर इंडिया के लिए बोली लगाने वालों के लिए जनवरी में ही जारी किया जाएगा। एयर इंडिया विनिवेश पर गठित मंत्री समूह की इससे पहले की बैठक सितंबर 2019 में हुई थी। एयर इंडिया विशिष्ट वैकल्पिक प्रणाली ने पिछले साल एयर इंडिया के लिए विनिवेश प्रक्रिया को नएसिरे से शुरू करने को मंजूरी दी थी।
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यह प्रक्रिया विमानन कंपनी में सरकार की शत- प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ ही एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएसएटीएस संयुक्त उद्यम में एयर इंडिया की हिस्सेदारी की बिक्री की पेशकश के साथ शुरू करने करने को कहा गया। एयर इंडिया का घाटा 2018- 19 में 8,556 करोड़ रुपये के आसपास रहा।
इसके साथ ही विमानन कंपनी पर कुछ कर्ज 80,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। अधिकारी ने बताया कि एआईएसएम ने एयरलाइन के लिए रिण पुनर्गठन योजना के साथ ही एक स्वैच्छिक सेवानिवृति योजना (वीआरएस) को भी मंजूरी दी थी। हालांकि, इस बारे में पूरा ब्योरा नहीं दिया गया।
एयर इंडिया के प्रमुख अश्विनी लोहानी ने इससे पहले शनिवार को कहा था कि विनिवेश की दिशा में आगे बढ़ रही एयर इंडिया के बंद होने को लेकर अफवाहें पूरी तरह से निराधार हैं। हालांकि, उन्होंने कुछ सप्ताह पहले स्वयं नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा था कि एयर इंडिया की उड़ानें जारी रखने के लिए उसकी वित्तीय स्थिति वहनीय नहीं रह गई है।