कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी का कहर पूरी दुनिया में बरकरार है। वायरस के फैलाव को रोकने के लिए दुनिया के लगभग हर देशों में लॉकडाउन लागू है। वहीं लॉकडाउन के बीच दुसरे देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने का सिलसिला भी तेज हो चुका है। वंदे भारत मिशन के तहत किया गया था, जो विदेश में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाया जा रहा है और इसी क्रम में शनिवार को एयर इंडिया की एक उड़ान के जरिए 129 लोगों को ढाका से राष्ट्रीय राजधानी के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर वापस लाया गया।
ढाका-दिल्ली फ्लाइट दोपहर 3.06 बजे 129 यात्रियों को वापस लेकर आई। जबकि एक और कुवैत-हैदराबाद फ्लाइट के रात नौ बजे आने की उम्मीद है। इस बीच, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने दिन में दो निकासी उड़ानें संचालित कीं। इनके जरिए शनिवार को दुबई से 356 यात्रियों और तीन शिशुओं को लाया गया और ये उड़ानें चेन्नई में उतरीं। तमाम यात्रियों ने भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया।
एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक अधिकारी के अनुसार, पहली उड़ान आईएक्स 612 तीन शिशुओं और 179 यात्रियों के साथ दोपहर 1.10 बजे सुरक्षित उतरी। वहीं 177 यात्रियों के साथ दूसरी उड़ान (आईएक्स 540) दोपहर लगभग दो बजे लैंड हुई। इसके अतिरिक्त, इन दोनों एयरलाइनों ने भारत के ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत बड़े पैमाने पर उड़ानों का संचालन किया है, जो विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए चलाया जा रहा है।
इस मिशन की शुरुआत 07 मई को की गयी थी और पहले दिन एयर इंडिया एक्सप्रेस की दो उड़ानों में संयुक्त अरब अमीरात से नौ शिशुओं सहित 363 लोगों की वतन वापसी हुई थी। शुक्रवार को एयर इंडिया की दो और एयर इंडिया एक्सप्रेस की चार उड़ानों में आठ शिशुओं समेत 1,095 भारतीयों को देश वापस लाया गया। बता दें कि विदेश से आए सभी भारतीयों की एयरपोर्ट पर कोरोना जांच की जाती है। यात्रियों के आते ही सबसे पहले थर्मल स्कैनर के माध्यम से जांच की गयी । इसके बाद उन्हें स्वास्थ्य सहायता डेस्क के पास भेजा गया।
यहां उन्हें इस बात की सूचना दी जाती है कि कैसे वे खुद से कुछ समय के लिए क्वारंटाइन के नियमों का पालन करेंगे। प्रोटोकॉल के अनुसार लक्षण वाले लोगों को तुरंत एक अलग क्षेत्र में ले जाया जाएगा और प्रारंभिक औपचारिकताओं के बाद उन्हें नजदीकी राजकीय अस्पताल में भेजा जाएगा। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को अपने घर पर ही क्वारंटाइन होने की अनुमति है। सभी यात्रियों के सामान को उन्हें सौंपने से पहले अच्छी तरह से सैनिटाइज किया जाता है।