लुधियाना : पंजाब और हरियाणा समेत कई हिस्सों में हिंसा से लोग जूझ रहे है परंतु शिरोमणि अकाली दल अन्य सियासी पार्टियों की तरह वोट बैंक की खातिर पूर्ण खामोश रहा। इस खामोशी का कारण अकाली दल और डेरा सच्चा सौदा सिरसा में सियासी यारी है। अकाली दल में डेरा सिरसा के समर्थन से दो बार पंजाब में सरकार भी बनाई है। अकाली दल ने डेरा सिरसा की सहायता से हाल ही में हुई विधानसभा चुनावों के दौरान पंजाब के मालवा क्षेत्र में कुछ सीटें हासिल की थी, इसी कारण अकाली दल पंचकूला के उपरंात भड़की हिंसा के मध्यनजर पूर्ण खामोश था। परंतु अब अकाली दल के प्रधान ने चुपी तोड़ी है।
अकाली दल बादल के अध्यक्ष व पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिह बादल ने पहली बार डेरा सिरसा के खिलाफ खुल कर बोलते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून के उपर नहीं है। डेरा मुखी के संबंध में जो भी फैसला सीबीआई अदालत ने किया है वे प्रशंसनीय है। वहीं हाईकोर्ट की ओर से डेरा प्रेमियों की ओर से की गई तोडफ़ोड़ संबंधी रिक्वरी डेरा सिरसा से करने के दिए आदेश एक इतिहासिक फैसला है। जिस का अकाली दल स्वागत करता है। सुखबीर बादल सोमवार को अमृतसर श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने के बाद मीडिया के साथ बातचीत कर रहे थे। बादल अपनी पत्नी व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के साथ श्री हरिमंदिर साहिब में परिवार की शांति व चढ़दी कला के लिए शुरू किए गए पाठों की श्रृंखला के तहत पहले पाठ के भोग व नए पाठ शुरू किए जाने के संबंध में आरदास करने के लिए पहुंचे थे।
डेरा विवाद पर लम्बा समय से चुप्पे धारण किए सुखबीर बादल ने आखिर डेरा के खिलाफ चुप्पी तोड़ दी है। जबकि हमेशा ही अकाली दल अप्रत्यक्ष रूप में डेरा का समर्थन करता रहा है। यहां तक के प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल भी समय समय पर डेरा मुखी के पास मिलने के लिए जाते रहे है। डेरा की ओर से भी चुनावों के दौरान समय समय पर अकाली दल के पक्ष में मतदान करने की अपील जारी की जाती रही है। यह भी चर्चा रही थी कि अकाली दल के अध्यक्ष और संयोजक ने चंडीगढ़ स्थित अपनी सरकारी कोठी में पांच सिंह साहिबान को बुला कर डेरा मुखी को श्री अकाल तख्त साहिब से माफी देने के हिदायतें दी थी।
एक सवाल के जवाब में सुखबीर बादल ने कहा कि डेरा मुखी की पेशी के दिन हजारों की संख्या में डेरा प्रेमियों का पंचकूला पहुंचना हरियाणा सरकार की नाकामी का परिणाम है। अगर हरियाणा सरकार थोड़ी सी भी सख्ती से पेश आती तो हजारों डेरा प्रेमी न तो पंचकूला पहुंचते और न हीं हिंसक घटनाएं होती।
गुरुद्वारा छोटा घल्लूघारा के संबंध में बोलते हुए सुखबीर ने कहा कि वहां सिख रहत मर्यादा की खुल कर धज्जियां उड़ाई गई है। कांग्रेसी नेता प्रताप बाजवा और पंजाब के कांग्रेस सरकार पूरी तरह मर्यादा का उल्लघर करने वालों का साथ दे रही है। मीडिया में हर रोज सचाई सामने आ रही है। राजासांसी में दलितों के परिवारों के घरों को तोड़ गिराने को सुखबीर ने सरकार और कांग्रेस पार्टी की गिरी हुई राजनीति बताया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी क्षेत्र के कांग्रेसी नेता ने मुख्य भूमिका अदा की है। 40 वर्षों से घर बना कर रह रहे दलितों का न्याय दिलवाने के लिए अकाली दल मैदान में आएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था की हालत बहुत बढिया नहीं है। लोग पुलिस और कांग्रेस की राजनीतिक दहशत गर्दी के नीचे जीने को मजबूर है।
– सुनीलराय कामरेड