महाराष्ट्र के पालघर जिले में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की ग्रामीणों द्वारा पीट-पीटकर हत्या का मामला गर्माता जा रहा है। मॉब लिंचिंग की इस घटना पर साधु-संत लगातार महाराष्ट्र सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर कर रहे है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इस घटना पर गुस्सा जाहिर करते हुए उद्धव सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हत्यारों के खिलाफ उचित कार्यवाई नहीं की गई तो राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन होगा।
अखाड़ा परिषद के अध्य्क्ष नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा, महाराष्ट्र में रावण राज चल रहा है और अगर जिम्मेदार लोगों पर एक्शन नहीं होता है तो लॉकडाउन के बाद नागा साधुओं की फौज महाराष्ट्र कूच करेगी। उन्होंने कहा, जूना अखाड़े के दो संतों के साथ जो हुआ वो बेहद दर्दनाक है। साधुओं की मौत पर मुझे आश्चर्य है कि यह मनुष्य नहीं कर सकता, राक्षस लोग ही ऐसा कर सकते हैं।
बता दें कि पालघर जिले में 16 अप्रैल की रात ग्रामीणों ने जूना अखाड़े के दो साधुओं समेत उनके ड्राइवर की भीड़ ने लाठी-डंडो से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। हैरानी वाली बात है कि मॉब लिंचिंग की यह घटना पुलिसवालों के सामने हुई है। इस घटना पर पुलिस के इस रवैये पर भी सवाल खड़े हुए।
घटना की वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने रोष दिखाते हुए कहा कि वीडियो के सामने आने के बाद पता चलता है कि पालघर में हुए इस लंचिंग की घटना के वक़्त वहां कोई 1 या 2 पुलिस वाले नहीं थे बल्कि पुलिस की पूरी फ़ौज मौजूद थी तब भी इस घटना को अंजाम दिया गया और पुलिस मूक दर्शक बनकर खड़ी रह गई।
संबित पात्रा ने ट्विटर पर घटना का वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह सोचने के लिए बाध्य करती है की पुलिस को ऐसी क्या मजबूरी थी की उनके आँखो के सामने ये जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया? महाराष्ट्र सरकार को बहुत कुछ का जवाब देना है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को अमानवीय करार देते हुए ट्वीट कर कहा कि पालघर जिले की इस घटना का वीडियो काफी हैरान करने वाला और अमानवीय है। कोरोना महामारी के संकट के बीच इस तरह की घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है।
फडणवीस ने आगे लिखते हुए कहा कि मैं राज्य सरकार से गुजारिश करना चाहता हूं कि वह इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करवाएं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करें। पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस मामले में 110 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।