उपचुनाव में मिली बड़ी जीत ने समाजवादी पार्टी में नई जान फूंक दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सपा-बसपा का गठबंधन कर नए सियासी समीकरण का इजाद किया है। विजय का नया फॉर्मूला मिलने के बाद से अखिलेश अब इस रफ्तार को और तेज करना चाहते हैं। गोरखपुर और फूलपुर में विजयश्री का वरण करने के बाद अखिलेश ने बुधवार ‘बुआ’ मायावती से मिलने उनके घर पहुंचे थे।अब गुरुवार को अखिलेश अपने कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने जनेश्वर मिश्रा पार्क पहुंचे।
गोरखपुर और फूलपुर में जीत को लेकर एक बार फिर अखिलेश यादव ने कहा है कि ये दलितों, पिछड़ों और कमजोरों की जीत है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में प्रवीण कुमार निषाद ने कमाल कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रवीण कुमार इंजीनियर हैं और इंजीनियर भी मैकेनिकल से हैं।
उन्होंने कहा कि मैकेनिकल इंजीनियर जानता है कि गाड़ी को कैसे ठीक करना है, नट-बोल्ट कहां कसना है। ऐसे में प्रवीण ने गोरखपुर में पहिया घुमाया और जीत दर्ज की। उन्होंने फूलपुर जीत के लिए नागेंद्र प्रताप को भी बधाई दी। सपा अध्यक्ष ने कहा कि ये जीत बहुत बड़ी है, इसका संदेश बहुत आगे तक जाएगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखपुर और आसपास के जिलों में जिन माओं ने अपने बच्चे खोए और उस पर भाजपा के लोगों ने जैसी बयानबाजी की, उसका बदला मतदाताओं ने लिया। उन्होंने कहा कि अंहकार ने भाजपा को हराया। उन्होंने कहा कि वो उम्मीद करते हैं भाजपा के लोगों का अहंकार अब कम होगा और वो लोग प्रदेश के विकास पर ध्यान देंगे।
सपा सरकार ने अस्पताल बनाने शुरू किए. हमारी पार्टी की सरकार ने अस्पताल की घोषणा की थी जोकि अभी भी नहीं बना है। अखिलेश ने कहा कि युवाओं पर ज्यादा भार है और उनमें ऊर्जा भी ज्यादा है। आने वाली पीढ़ी का भविष्य बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए और ज्यादा मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों की मदद से ये जीत मिली है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस से हमारे संबंध अच्छे हैं और बने रहें रहेंगे। अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने गोरखपुर हॉस्पिटल केस पर कहा कि बच्चों को ऑक्सीजन तक नहीं मिली। किसानों का कर्ज तक माफ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कहा कि प्रवीण निषाद इंजीनियर हैं। नौजवान लोग सदन में जाएंगे।
बता दें कि गोरखपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने बीजेपी के उपेंद्र शुक्ला को 21,881 मतों के बड़े अंतर से हरा दिया। गौरतलब है कि फूलपुर लोकसभा सीट पर भी सपा के उम्मीदवार को ही जीत मिली थी। गोरखपुर सीट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है। लिहाजा इस सीट से बीजेपी की हार कई बड़े सवाल खड़े कर रही है।
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