समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साल 2020-21 के लिए पेश हो रहे बजट के बीच नरेंद्र मोदी सरकार पर तंज कसा और कहा कि किसान-मजदूर के सम्मान, महिला-युवा के मान और अभिव्यक्ति की आजादी की पुनर्स्थापना के लिए भी कुछ प्रावधान करें।
भाजपा सरकार से बस इतनी गुज़ारिश है कि वो इस बार बजट में देश की एकता, सामाजिक सौहार्द, किसान-मज़दूर के सम्मान, महिला-युवा के मान और अभिव्यक्ति की आज़ादी की पुनर्स्थापना के लिए भी कुछ प्रावधान करे क्योंकि भाजपा की विघटनकारी नीतियों से ये सब बहुत खंडित हुआ है।
देशहित मे जारी!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 1, 2021
अखिलेश यादव ने सोमवार को पेश हो रहे बजट के बीच ट्विटर पर कहा कि भाजपा सरकार से बस इतनी गुजारिश है कि वो इस बार बजट में देश की एकता, सामाजिक सौहार्द, किसान-मजदूर के सम्मान, महिला-युवा के मान और अभिव्यक्ति की आजादी की पुनर्स्थापना के लिए भी कुछ प्रावधान करें क्योंकि भाजपा की विघटनकारी नीतियों से ये सब बहुत खंडित हुआ है।
इससे पहले अखिलेश यादव ने लिखा कि भाजपा राज में आज आम आदमी ही नहीं पत्रकारों तक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटकर उन्हें गिरफ्तार भी किया जा रहा है, जो अति निंदनीय है। उप्र में भाजपा सरकार सच बोलने वाले पत्रकारों व राजनेताओं पर किए गए झूठे मुकदमे तुरंत वापस ले।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को अगले वित्त वर्ष 2021-22 का केंद्रीय बजट लोकसभा के पटल पर पेश किया। निर्मला सीतारमण ने लगातार तीसरी बार आम बजट पेश किया है। कोरोना महामारी के संकट के बाद केंद्र सरकार का यह पहला बजट है। कोरोना लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था कि धीमी रफ़्तार को एक बार फिर गति देने के लिए सभी की निगाहें इस बजट पर टिकी हैं।