समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि शिक्षा और शिक्षार्थियों के प्रति उसका दृष्टिकोण ‘मानवीयता’ से रिक्त है । अखिलेश ने ट्वीट किया, ”जेईई, नीट परीक्षा करवाने पर अड़ी भाजपा ने अब ये खुलासा कर दिया है कि उसने ‘मानव संसाधन मंत्रालय’ का नाम क्यों बदला, क्योंकि शिक्षा व शिक्षार्थियों के प्रति उसका दृष्टिकोण ‘मानवीयता’ से रिक्त है।”
JEE, NEET परीक्षा करवाने पर अड़ी भाजपा ने अब ये ख़ुलासा कर दिया है कि उसने ‘मानव संसाधन मंत्रालय’ का नाम क्यों बदला, क्योंकि शिक्षा व शिक्षार्थियों के प्रति उसका दृष्टिकोण ‘मानवीयता’ से रिक्त है.
अमानवीय भाजपा! #StudentLivesMatter#ProtestAgainstExamsInCOVID#PostponeNEET_JEE pic.twitter.com/WRM2b9lq8p
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 28, 2020
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा नयी शिक्षा नीति को मंजूरी देने के साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया गया है । कोरोना वायरस महामारी के बीच जेईई और नीट के आयोजन को लेकर अखिलेश लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं।सपा अध्यक्ष ने 27 अगस्त को भी परीक्षार्थियों और अभिभावकों के समर्थन में तथा परीक्षाओं व भाजपा के खिलाफ खुला पत्र लिखा था।
इसमें उन्होंने कहा, ”भाजपा की तरफ से ये हास्यास्पद और तर्कहीन बात फैलायी जा रही है कि जब लोग दूसरे कामों के लिए घर से निकल रहे हैं तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते ?” पत्र में कहा गया कि भाजपाई सत्ता के मद में ये भी भूल गये कि लोग मजबूरी में निकल रहे हैं। खुले पत्र में एक नारा भी लिखा गया, आइये मिलकर कहें, ”जान के बदले एग्जाम’ नहीं चलेगा-नहीं चलेगा।”
यादव ने इससे पहले 26 अगस्त को ट्वीट कर कहा था कि नीट, जेईई एवं अन्य परीक्षाएं रोकने के लिए हृदयहीन सरकार एक बार माता-पिता के दिल से सोचे । कोरोना व बाढ़ में केवल शहरी व अमीर ही केंद्रों तक पहुंचने व परीक्षा देने में समर्थ हैं । ” ये पैसों वालों की भाजपा सरकार का गरीब-ग्रामीण के खिलाफ षड्यंत्र है ।” उल्लेखनीय है कि नीट और जेईई जैसी परीक्षाओं को टालने की मांग छात्रों का एक वर्ग कर रहा है, जिसका विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दल समर्थन कर रहे हैं ।