लोकसभा चुनाव में अभी डेढ़ साल का समय है, लेकिन सियासी तरीके से प्रबंध होना शुरु हो गया है। नीतीश कुमार से लेकर ममता बनर्जी और केसीआर तक 2024 में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता बनाने की कवायद शुरु हो गई है। इसी बीच सपा के अधिवेशन में अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री बनाने की मांग उठी थी। लेकिन अखिलेश यादव ने खुद को प्रधानमंत्री की रेस से बाहर कर लिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने में वो विपक्ष के साथ है।
आपको बता दे कि अखिलेश यादव ने ये बयान उस समय दिया जब कुमार विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में लगे हुए है, इसी वजह से नीतीश कुमार दिल्ली आए थे, उसके बाद उन्होंने सबसे मुलाकात की थी। इसके बाद अखिलेश यादव ने सपा के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं अपने प्रतिनिधियों के सामने कहना चाहता हूं कि ये लड़ाई काफी ज्यादा बड़ी है।और हमारा कोई ऐसा सपना नहीं है, कि हम पीएम पद पर पहुंचे, लेकिन समाज को बांटने का काम कर रहे उन्हें हम सबको एकजुट होकर बाहर निकल देना चाहिए।
सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान जातिगत जनगणना कराने का प्रस्ताव पास किया। एक तरह से सपा ने साफ कर दिया है कि जातिगत जनगणना के एजेंडे को लेकर गांव जाएगी।