समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश की ‘गंगा-जमुनी’ तहजीब को खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि इस पार्टी की मंशा देश की पहचान को समाप्त करने की है। अखिलेश ने 75वें स्वाधीनता दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत में विभिन्न जाति, धर्म और वेश-भूषा के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं। यही हमारे देश की पहचान है। मगर सत्ताधारी लोग गंगा-जमुनी तहजीब खत्म करना चाहते हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया, “भाजपा की मंशा देश की पहचान को समाप्त करने की है। हम समाजवादियों की कोशिश होनी चाहिए कि समाज में एक-दूसरे से प्यार और सहयोग बढ़े। सामाजिक सौहार्द बढ़ाने की दिशा में मिलकर काम करना चाहिए।” उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “देश की आजादी के लिए लाखों लोगों ने अपने प्राण न्योछावर किए और अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने यातनाएं सहन कीं। जिन उद्देश्यों के लिए स्वतंत्रता आंदोलन हुआ, क्या भारत उनकी पूर्ति के रास्ते पर है? यह सोचने का विषय है।”
उन्होंने कहा, “वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव देश का सम्मान बचाने का चुनाव है। यह जिम्मेदारी एक-एक नौजवान को उठानी चाहिए। सत्ता में बैठे लोगों ने जनता से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया। सबसे अधिक उत्पीड़न एवं अन्याय पिछड़ों-दलितों के साथ हुआ है। उनका संवैधानिक अधिकार आज तक नहीं मिला।”
अखिलेश ने जातीय जनगणना की मांग दोहराते हुए कहा, “1931 के बाद देश में जातीय जनगणना ही नहीं हुई। भाजपा जातियों में झगड़ा कराती है। आबादी के अनुसार सबको हक और सम्मान मिलना चाहिए। सामाजिक न्याय की अवधारणा को साकार करने के लिए जब आबादी के हिसाब से आंकड़े आएंगे तभी आनुपातिक अवसर की सुविधा सबको मिल सकेगी।”
इस अवसर पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के राज्य मुख्यालय में ध्वजारोहण किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘लोकतांत्रिक व्यवस्था को मिल रही चुनौतियों से मिलकर निपटना होगा। हमें देश को मजबूत बनाने का संकल्प लेना चाहिए।’’