भोपाल : एक साथ लोकसभा-विधानसभा निर्वाचन कराने के बारे में विचार-विमर्श करने के संबंध में मप्र शासन की राज्य स्तरीय समिति की द्वितीय बैठक जनसम्पर्क, जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री एवं समिति के अध्यक्ष डॉ. नरोत्तम मिश्र की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी भागीदारी की। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर समाज के विभिन्न पक्षों के विचार जानने के लिए राज्य स्तरीय समिति प्रदेश के अन्य सम्भागों में भी बैठकों का आयोजन करेगी। इस विषय पर विचार की प्रक्रिया को लगातार जारी रखा जाएगा।
इस क्रम में राज्य स्तरीय समिति की अगली बैठक 11 अप्रैल को इंदौर में किए जाने का निर्णय लिया गया है। बैठक में समिति के अध्यक्ष मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि लोकसभा के साथ सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव करवाए जाने के संबंध में भिन्न-भिन्न मत हैं। पिछली बैठक में भी इस संबंध में सुझाव प्राप्त हुए थे। बैठक में विभिन्न राजनैतिक दलों के विचार मिलने के बाद प्रदेश के प्रमुख नगरों में होने वाली बैठकों में सुझाव भी प्राप्त किए जाएंगे, इसके बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि इस विषय पर विधि विशेषज्ञों, विचारकों, मीडिया प्रतिनिधियों, समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों और आमजन के विचार भी प्राप्त होंगे जो समिति के प्रतिवेदन का आधार बनेंगे। प्रमुख सचिव संसदीय कार्य विभाग एवं समिति की संयोजक वीरा राणा ने बताया कि देश में लम्बे समय से निर्वाचन के फलस्वरूप आचार संहिता के कारण विकास कार्य अवरूद्ध होने और जनसेवाएं प्रभावित होने से हम सब अवगत हैं।
चुनाव में सरकारों और राजनैतिक दलों की बड़ी राशि खर्च होती है। देश में गत लोकसभा निर्वाचन में 9 लाख 30 हजार मतदान केन्द्रों के लिए प्रति मतदान केन्द्र औसतन 11 कर्मियों की सेवाएं ली गई। कुल 10 मिलियन कर्मियों की सेवाएं भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्राप्त की गई। इसके अलावा केन्द्रीय पुलिस बल की 1300 से अधिक कम्पनियां तैनात की गईं। चरणबद्ध निर्वाचन से इन समस्याओं का हल निकल सकता है।
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