देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द सिंह रावत ने मंगलवार को जिलाधिकारियों एवं शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आपदा से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक उपकरणों को खरीदने के लिए कहा। उपकरणों को खरीदने में धन की कमी आड़ नहीं आयेगी। श्री रावत ने सभी जिलाधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि प्रशासन को किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए। इसके लिए सभी आवश्यक प्रबंध पहले ही सुनिश्चित कर लिए जाएं। आकस्मिक परिस्थितियों में संचार व्यवस्था नहीं टूटनी चाहिए।
आपदा के समय जल्द से जल्द घटना स्थल तक पहुंचना और प्रभावितों को राहत प्रदान करवाने की व्यवस्था हो तथा चिह्नित आश्रय स्थलों पर भोजन, पेयजल, कैरोसीन, दवाईयां एवं अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित हो। इसके साथ ही 15 जून तक सभी बाढ़ चौकियों को क्रियाशील कर लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्धसैन्य बलों के साथ भी समन्वय स्थापित किया जाए। सेना से भी आपदा की स्थिति में पूरा सहयोग मिलेगा। इस संबंध में सेना प्रमुख से उनकी बात हुई है। प्रचार माध्यमों से बाहर से आने वाले पर्यटकों को आगाह किया जाए कि वे नदियों के समीप न जाएं। बैठक में सभी जिलाधिकारियों ने विस्तार से जानकारी दी गई और यह बताया गया कि संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्रों में वैकल्पिक मार्ग चिन्हित किए गए हैं।
वर्षा से बाधित होने वाले मार्गों को कम से कम समय में खोला जा सके, इसके लिए जेसीबी, क्रेन एवं मानव संसाधनों को संवेदनशील स्थानों पर पहले से ही तैनात किया जा रहा है। जगह जगह बनाए जाने वाले आश्रय स्थलों पर भोजन, पेयजल, कैरोसीन, दवाईयां व अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। मॉक ड्रिल भी समय समय पर आयोजित की जाती है। बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ। रणवीर सिंह, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, सचिव अमित नेगी, अपर सचिव सविन बंसल, सहित अन्य वरष्ठि अधिकारी उपस्थित थे।
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