CBI में रार : CBI के खिलाफ कोर्ट पहुंचे देवेंद्र कुमार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

CBI में रार : CBI के खिलाफ कोर्ट पहुंचे देवेंद्र कुमार

सीसोमवार को सीबीआई ने घूसखोरी कांड में अपने ही दफ्तर में छापेमारी कर पुलिस उप अधीक्षक देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया था।

सुप्रीम कोर्ट के ‘तोता’ कहे जाने के बावजूद, सीबीआई को भारत में जांच के लिए सर्वोच्च दर्जा मिला है। सीबीआई  की रार बढती ही जा रही है और जो अब खुलकर सामने आ गई है। सोमवार को सीबीआई ने घूसखोरी कांड में अपने ही दफ्तर में छापेमारी कर पुलिस उप अधीक्षक देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया था। अब देवेंद्र कुमार इस मुद्दे पर अपनी ही एजेंसी के खिलाफ कोर्ट में पहुंच गए हैं। देवेंद्र कुमार ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। देवेंद्र की याचिका पर दोपहर 2 बजे सुनवाई हो सकती है।

आपको बता दें कि देवेंद्र कुमार CBI के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की घूसखोरी के मामले में आरोपी हैं। सीबीआई ने अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना समेत कई लोगों के खिलाफ घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज की है। जिसको लेकर हाहाकार मचा हुआ है।

रविवार को की गई छापेमारी में देवेंद्र कुमार के दफ्तर से करीब 8 मोबाइल बरामद किए गए थे। FIR के मुताबिक अधिकारी ने हैदराबाद के व्यापारी सतीश साना, जिसका नाम मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े मामले में सामने आया था, के मामले को खत्म करने के लिए 3 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी।

आलोक वर्मा ने लिखा सरकार को पत्र

इस बीच सीबीआई में डायरेक्टर और स्पेशल डायरेक्टर के बीच चल रहे संघर्ष में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब डिप्टी एसपी की गिरफ्तारी हो गई है।  सीबीआई चीफ आलोक वर्मा अपने नंबर दो यानी स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के निलंबन की दिशा में आगे बढ़े हैं। इसकी तैयारी उन्होंने एक पत्र के जरिए की है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाल में आलोक वर्मा की ओर से सरकार को एक पत्र भेजा गया है , जिसमें राकेश अस्थाना के सस्पेंशन की बात कहते हुए उन्हें ‘नैतिक पतन का एक स्रोत’ बताया गया था। देश की शीर्ष जांच एजेंसी में दो आला अफसरों के बीच जारी कलह की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दखल देना पड़ा है। घटना पर पीएमओ के चिंतित होने के बाद दोनों अफसरों को समन भी जारी हुआ। जिसके बाद सीबीआई चीफ आलोक वर्मा सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले। हालांकि पीएमओ की मीटिंग में भी सीबीआई में जारी विवाद खत्म करने को लेकर बात नहीं बन सकी।

बता दें कि सीबीआई ने अपने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ दो करोड़ रुपये के कथित घूस के मामले में केस दर्ज किया है, जिन्होंने कुछ दिन पहले सीबीआई चीफ के खिलाफ दर्जनों आरोप लगाते हुए सरकार को पत्र लिखा था। जानिए केस से जुड़ीं 10 खास प्वाइंट ः –

  • सरकार को लिखे अपने पत्र में सीबीआई चीफ आलोक वर्मा ने राकेश अस्थाना को भ्रष्ट आचरण और नैतिन पतन का स्त्रोत बताते हुए इसे जांच का विषय बताया है। हालांकि सीबीआई ने इस मामले में कमेंट करने से इन्कार कर दिया।
  • कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी और राकेश अस्थाना की नजदीकी जताने की कोशिश करते हुए उन्हें पीएम का नीली आंखों वाला लड़का करार दिया। राकेश अस्थाना पिछले साल से विवादों में घिरे। जब उनके खिलाफ शिकायतें हुईं। पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने ऐसे मामलों में आवश्यकतानुसार उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए अभी अनुमति नहीं मांगी है।
  • CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा  और CBI के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना  के बीच पिछले काफी समय से चल रही ‘नूराकुश्ती’ तब खुलकर सामने आई, जब हाल में CBI ने ही राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ एक FIR दायर कर दी है। इस FIR में अस्थाना पर मीट कारोबारी मोइन क़ुरैशी के मामले में जांच के घेरे में चल रहे एक कारोबारी सतीश सना से दो करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है।
  • अपने खिलाफ एफआइआर दर्ज होने के बाद स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने सीबीआई चीफ पर पलटवार करते हुए उन पर ही रिश्वतखोरी का आरोप जड़ दिया। इस पूरे मामले में सीबीआई ने अपने चीफ का पक्ष लिया है और अस्थाना के आरोपों को झूठा करार दिया है।
  • राकेश अस्थाना 1984 बैच के गुजरात कैडर के IPS हैं. वह पहली बार साल 1996 में चर्चा में आए, जब उन्होंने चारा घोटाला मामले में लालू यादव को गिरफ्तार किया।
  • जब वर्ष 2002 में गुजरात के गोधरा में दंगा हुआ तो साबरमती एक्सप्रेस में आगजनी की जांच के लिए गठित SIT का नेतृत्व भी आईपीएस राकेश अस्थाना ने ही किया था। इसके अलावा वह अहमदाबाद ब्लास्ट और आसाराम केस जैसे तमाम चर्चित मामलों की जांच में शामिल रहे हैं।
  • राकेश अस्थाना को पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई का स्पेशल डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। CBI में यह उनकी दूसरी पारी है. इससे पहले वह अतिरिक्त निदेशक के पद पर काम कर चुके हैं। वडोदरा और सूरत के पुलिस कमिश्नर रहे राकेश अस्थाना को पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का करीबी भी माना जाता है।
  • हवाला और मीट कारोबारी मोइन क़ुरैशी के केस के लिए बनाई एसआइटी का नेतृत्वकर्ता राकेश अस्थाना ही हैं। सीबीआई में नंबर दो की हैसियत रखने वाले राकेश अस्थाना पर कारोबारी सतीश सना का आरोप है कि सीबीआई जांच से बचाने के लिए उन्होंने दिसंबर 2017 से अगले दस महीने तक क़रीब दो करोड़ रुपए रिश्वत ली।
  • अस्थाना ने सरकार को एक पत्र लिखकर गलत एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया है। अस्थाना का दावा है कि सतीश सना कि यह शिकायत सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के कुछ अधिकारियों की साजिश है। उन्होंने सीबीआई चीफ और सीवीसी अरुण शर्मा के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। अस्थाना ने बताया कि उन्होंने अगस्त में ही कैबिनेट सचिव को इन शीर्ष अधिकारियों के भ्रष्टाचार के 10 उदाहरण, आपराधिक कदाचार, संवेदनशील मामलों की जांच में हस्तक्षेप की जानकारी दी थी।
  • सीबीआई अपने निदेशक आलोक वर्मा के बचाव में उतर आई है और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के आरोपों को ‘मिथ्या और दुर्भावनापूर्ण’ करार दिया है। CBI ने यह भी कहा है कि उसके विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला कॉल रिकॉर्ड और वाट्सएप मैसेज पर आधारित है। सीबीआई के मुताबिक कथित रिश्वत मामले में बिचौलिए मनोज प्रसाद के पकड़े जाने के बाद उसने नौ फोन कॉल का विश्लेषण किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eighteen + nineteen =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।