राष्ट्रीय राजधानी में बने इंडिया गेट (India Gate) की पहचान अमर जवान ज्योति का नेशनल वॉर मेमोरियल (National War Memorial) की लौ में विलय कर दिया जाएगा। आज एक समारोह के दौरान अमर जवान ज्योति की मशाल को नेशनल वॉर मेमोरियल की लौ में मिला दिया जाएगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार के इस फैसले पर अपना विरोध दर्ज करवाया है।
भारत ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के 50 साल पूरे होने के मौके पर अब इस अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शिफ्ट करने का फैसला किया गया है। इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के रूप में जलने वाली आग की लौ का गणतंत्र दिवस से पहले नेशनल वॉर मेमोरियल पर जलने वाली लौ में विलय कर दिया जाएगा।
कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते
इस फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!
बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा।
कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं…
हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 21, 2022
इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, जो कुछ भी किया जा रहा है वह एक राष्ट्रीय त्रासदी है और इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास है। अमर जवान ज्योति को युद्ध स्मारक मशाल में मिलाने का अर्थ है इतिहास मिटाना। बीजेपी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाया है, इसका मतलब यह नहीं कि वे अमर जवान ज्योति को बुझा सकते हैं।
कांग्रेस के आरोपों पर सरकार का जवाब
कांग्रेस के आरोपों पर सरकार का कहना है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है। इसे नेशनल वॉर मेमोरियल के ज्वाला में मिला दिया जा रहा है। ये अजीब बात थी कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों में जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई भी नाम वहां मौजूद नहीं है।
ये विडंबना ही है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं बनाया, वे अब हंगामा कर रहे हैं जब युद्धों में जान गंवाने वाले हमारे भारतीय जवानों को स्थायी और उचित श्रद्धांजलि दी जा रही है। 1971 और उसके पहले और बाद के युद्धों सहित सभी युद्धों में सभी जान गंवाने वाले भारतीय जवानों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में रखे गए हैं इसलिए वहां युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय जवानों को देने वाली ज्योति का होना ही सच्ची ‘श्रद्धांजलि’ है।
PM मोदी ने किया था नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2019 में नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया था। इस दौरान निर्णय लिया गया था कि अमर जवान ज्योति की मूल लौ यहीं जलाई जाएगी। नेशनल वॉर मेमोरियल के निर्माण से पहले गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र प्रमुख, सेना प्रमुख और अतिथि प्रतिनिधि अमर जवान ज्योति पर ही शहीद सैनिकों का सम्मान करते थे लेकिन बाद में इस पूरी प्रकिया को नेशनल वॉर मेमोरियल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
1971 से जल रही है अमर जवान ज्योति
बता दें कि 1971 से इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर यह मशाल की लौ जलती आ रही है। पहले विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारतीय सैनिकों की याद में इंडिया गेट को बनवाया था। तो कुल मिलाकर देखें तो 21 जनवरी को अमर जवान ज्योति की लौ राष्ट्रीय वॉर मेमोरियल की मशाल के साथ विलीन हो जाएगी।