संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार उस कानून में संशोधन का विधेयक पेश कर सकती है जिसके तहत बैंक के संकट में डूबने पर उसमें धन रखने वालों के पैसे की एक सीमा तक सुरक्षित वापसी की गारंटी होती है। इसका उद्येश्य जमाकर्ताओं को बैंक जमा बीमा योजना के तहत बैंकों को उनके धन की आसानी से और समयबद्ध तरीके से वापसी सुनिश्चत करना है।
ऐसे उपायों के बारे में पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी) बैंक के डूबने और कुछ अन्य बैंकों के संकट के आने के बाद तेजी से विचार किया जा रहा था। बैंक में जमा राशि पर बीमा-सुरक्षा की गारंटी सरकार ने पिछले साल एक लाख रुपये से बढ़ा कर पांच लाख रुपये कर दी थी। व्यवस्था को और सहज तथा सुचारु बनाने के लिए निक्षेप बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) अधिनियम,1961 में संशोधन का प्रस्ताव वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट भाषण में ही कर चुकी है।
सूत्रों के अनुसार विधेयक का मसौदा करीब-करीब तय कर लिया गया है। इससे मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद संसद के आगामी मानसून अधिवेशन में प्रस्तुत किया जा सकता है। संधोधित कानून से ऐसे हजारों लोगों को बड़ी राहत होगी जिनका पैसा पीएमसी जैसे डूब चुके या खस्ताहाल बैंकों में फंसा है।