भारत एक लोकतांत्रिक देश हैं। देश की जनसंख्या को ज्ञात करने के लिए हर दस में एक बार जनगणना होता हैं। जिससे की सरकार को यह मालूम हो जाता है कि देश मैं कितनी जनसंख्या निवास कर रही हैं। भारत मेें पहली जनगणना 1951में हुई थी।हालांकि सरकार ने जनगणना संबंधी नियमों में बदलाव कर दिया है जिससे की नागरिके आगमी जनगणना में ऑनलाइन माध्यम से अपनी पूर्ण जानकारी दे सकता हैं। इस दौरान वे कागज और इलैक्ट्रॉनिक दोनों माध्यम से प्रश्नों का जवाब दे सकेंगे।
जनगणना (संशोधन) नियम
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जनगणना (संशोधन) नियम, 2022 जारी किये गए, जिसमें यह जानकारी दी गई है।संशोधित नियमों के अनुसार घर-घर जाकर जनगणना संबंधी जानकारी हासिल करने की कवायद पहले की तरह जारी रहेगी।
कोविड-19 महामारी
वहीं, घर-घर जाकर जानकारी एकत्र करने और एनपीआर को अद्यतन करने की कवायद 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2020 के बीच पूरी की जानी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी फैलने के बाद इसे स्थगित कर दिया गया।
जनगणना संबंधी जानकारी
जानकारी के मुताबिक, जनगणना का काम जारी है और सरकार को अभी नए कार्यक्रम की घोषणा करनी है।नए नियमों में कहा गया है कि उत्तरदाता खुद ही जनगणना संबंधी जानकारी को भरकर, उसे पूरा करके जमा कर सकेंगे।