इजराइल और हमास का युद्ध काफी आगे बढ़ चुका है। जिसमे इजराइल हमास से बदला लेने के किसी भी हद तक गुजरने के लिए तैयार है,लेकिन इस बीच कुछ देशो का दबाव इजराइल पर भी है। इजरायली सरकार लेबनान में हिज्बुल्लाह पर एहतियाती हमला शुरू करने के लिए सुरक्षा प्रतिष्ठानों के बढ़ते दबाव में आ गई है।
क्षेत्रीय संघर्ष को भड़काने का जोखिम
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि इसे लेबनान में हिज्बुल्लाह पर हमला न करने के लिए अमेरिका के कड़े विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसे डर है कि दो-मोर्चे के युद्ध से एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष को भड़काने का जोखिम होगा।
एक वरिष्ठ इजरायली सुरक्षा अधिकारी ने ऑब्जर्वर को बताया, "हम गाजा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं, और वहां काम खत्म करना चाहते हैं। दूसरी ओर, हमें उत्तर में इजरायली आबादी से बहुत दबाव मिल रहा है।
इजरायल ने गाजा पर जवाबी हमला
रिपोर्ट के मुताबिक लोग कह रहे हैं कि वे उत्तरी सीमा पर नहीं रह सकते, हिज्बुल्लाह उनसे 100 मीटर से भी कम दूरी पर है। वह कुछ ही मिनटों में सीमा पार कर सकता है और हमें मार सकता है। 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद जब से इजरायल ने गाजा पर जवाबी हमला किया है, तब से लेबनान स्थित इस्लामी मिलिशिया समूह ने बार-बार इजरायली बस्तियों पर फायरिंग की है, जिसके कारण इजरायल को किर्यत शमोना शहर सहित उत्तरी सीमा को खाली करना पड़ा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति तेल अवीव में उच्च अधिकारियों से मिले
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तेल अवीव में अपने समय और पिछले दिनों शीर्ष अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के दौरे का उपयोग इजरायली नेतृत्व से ईरान समर्थित मिलिशिया पर इस तरह के प्री-एम्प्टिव हमले का जोखिम न उठाने का आग्रह करने के लिए किया, और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अंतत इस विचार पर शांत हो गए।