देश के पहले मैसेंजर एमआरएनए वैक्सीन के फरवरी में मनुष्यों पर परीक्षण शुरू होने की उम्मीद है। पुणे स्थित जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स ने एमआरएनए वैक्सीन के चरण 2 के आंकड़े जमा कर दिए हैं और चरण 3 डेटा की भर्ती भी पूरी कर ली है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) जल्द ही आंकड़ों की समीक्षा कर सकती है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जल्द ही आंकड़ों की समीक्षा की जा सकती है। जल्द ही प्रभावकारिता और इम्यूनोजेनेसिटी के लिए मनुष्यों पर परीक्षण किया जाएगा। इससे पहले सितंबर 2021 के महीने में कहा था कि भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल ने एचजीसीओ-19 के पहले और दूसरे और तीसरे चरण के अध्ययन को अपनी मंजूरी दे दी थी।
एसईसी ने की पहले चरण के डेटा की समीक्षा
वैक्सीन विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने पहले चरण के डेटा की समीक्षा की। इसमें पाया कि वैक्सीन सुरक्षित है। साथ ही प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी सहायक है। भारत में लगभग 10-15 स्थलों पर इसके बारे में अध्ययन किया जा रहा है। उधर, 22-27 स्थानों पर तीसरे चरण का अध्ययन किया जा रहा है। एमआरएनए वैक्सीन न्यूक्लिक एसिड टीकों की श्रेणी से संबंधित है।