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कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच, सरकार ने कहा- भारत महामारी से लड़ाई के मामले में अन्य देशों से बेहतर स्थिति में

स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कोविड-19 स्थिति पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सिर्फ मामलों की कुल संख्या और भारत के सातवें स्थान पर पहुंचने पर ही ध्यान देना गलत है।

भारत समेत पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी के संकट से जूझ रही है। संक्रमण से निपटने के लिए तमाम देशों की सरकारें लगातार प्रयास कर रही है। इस बीच, केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारत इस बीमारी के चरम बिंदू से बहुत दूर है और रोकथाम के लिए किए गए उसके उपाय बहुत प्रभावी रहे हैं। साथ ही सरकार ने कहा कि वह अन्य देशों की तुलना में काफी बेहतर स्थिति में हैं। 
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कोविड-19 स्थिति पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सिर्फ मामलों की कुल संख्या और भारत के सातवें स्थान पर पहुंचने पर ही ध्यान देना गलत है। उन्होंने कहा कि देशों की आबादी पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि करीब 14 देश जिनकी कुल आबादी भारत के बराबर है, वहां कोरोना वायरस के कारण हुयी मौतें 55.2 गुना अधिक हैं।
अग्रवाल ने कहा ‘‘कोविड-19 के मामले में हमारी मृत्यु दर 2.82 प्रतिशत और यह दुनिया में सबसे कम है जबकि वैश्विक मृत्यु दर 6.13 प्रतिशत है। हम मामलों की समय पर पहचान और उचित नैदानिक ​​प्रबंधन के कारण इसे हासिल कर पाए हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के मामलों में भारत में मृत्यु दर प्रति लाख जनसंख्या पर 0.41 प्रतिशत है जबकि वैश्विक स्तर पर यह 4.9 प्रतिशत है और यह दुनिया में सबसे कम है। उन्होंने कहा कि भारत में होने वाली हर दो कोविड​​-19 मौतों में से एक वरिष्ठ नागरिकों की है जो कुल आबादी का 10 प्रतिशत हैं। इसके साथ ही देश में कोविड​​-19 से हुयी मौतों में 73 प्रतिशत लोग पहले से ही गंभीर रोग से पीड़ित थे।
अग्रवाल ने कहा कि यह जरूरी है कि अधिक जोखिम वाले लोग आवश्यक एहतियात बरतें और कोविड​​-19 के लक्षणों का अनुभव होने पर समय से चिकित्सा सलाह लें। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने अधिक खतरा वाले लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे घर पर रहें। वे अपने समय का सदुपयोग करने और फिट रहने के लिए विभिन्न गतिविधियों को अपना सकते हैं। 
अग्रवाल ने कहा कि हमें ‘अनलॉक 1’ स्थिति में पर्याप्त सावधानी बरतते हुए वायरस के साथ रहने के लिए उपयुक्त व्यवहार का पालन करना होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत सामुदायिक संक्रमण के चरण में प्रवेश कर गया है, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) वैज्ञानिक निवेदिता गुप्ता ने कहा कि सामुदायिक प्रसार शब्द के उपयोग के बजाय, रोग के प्रसार की सीमा को समझना महत्वपूर्ण है और हम अन्य देशों की तुलना में कहां खड़े हैं। 
यह पूछे जाने पर कि बीमारी कब चरम बिंदु पर पहुंच जाएगी, गुप्ता ने कहा कि हम उस स्थिति से बहुत दूर हैं। बीमारी पर काबू के लिए हमारे निवारक उपाय बहुत प्रभावी रहे हैं और हम अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के लिए प्रति दिन औसतन 1.20 लाख नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है और 476 सरकारी तथा 205 निजी प्रयोगशालाएं परीक्षण कर रही हैं। 
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण 204 और लोगों की मृत्यु होने से मंगलवार को मृतकों की कुल संख्या 5,598 हो गई। वहीं 8,171 नए मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या 1.98 लाख से अधिक हो गयी। आंकड़ों के अनुसार 95,526 लोग ठीक हो चुके हैं और अब भी 97,581 लोग संक्रमित हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक लगभग 48.07 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं।

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