केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि अगले 2 साल में नक्सल वाद और उग्रवाद को जड़ से उखाड़ फेकेंगे। शाह ने कहा कि 2022 में नक्सल प्रभावित इलाकों में सबसे कम घटनाएं हुईं। इसके कारण मौतों का आंकड़ा भी घटकर सबसे कम रह गया। शाह ने ये बातें शुक्रवार को हुई मीटिंग के दौरान कही। मीटिंग में आंध्रप्रदेश, झारखंड और महाराष्ट्र के सीएम मौजूद रहे। वहीं ओडिशा, बिहार, एमपी और छत्तीसगढ़ के मंत्री बैठक में शामिल हुए।
नक्सली हिंसा में 77 फीसदी की कमी
मीटिंग के दौरान एजेंसियों से जुड़े अफसरों ने बताया कि 2022 में नक्सली हिंसा में 77 फीसदी की कमी देखी गई है। वहीं 2010 में यह चरम पर थी। बता दें कि केंद्र सरकार ने 2015 में नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए एक्शन प्लान बनाया था। अफसरों के मुताबिक 2010 की तुलना में 2022 में नक्सली हिंसा से होने वाली मौतों के मामले में 90 फीसदी की कमी आई है। गृह मंत्रालय के अनुसार 2004 से 2014 तक 17 हजार 679 नक्सली घटनाएं हुईं और 6 हजार 984 मौतें हुईं।
नुग्रह राशि बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी गई
अमित शाह ने कहा कि वामपंथी और उग्रवाद पीड़ितों के लिए अनुग्रह राशि बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी गई है। इस राशि को सरकार ने आखिरी बार 2017 में बढ़ाया था। उन्होंने कहा कि प्रभावित राज्यों में विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार सड़क निर्माण, दूरसंचार, कौशल विकास और शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रहा है। शाह ने कहा केंद्र ने वामपंथी उग्रवाद से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में विकास में तेजी लाने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत 14 से अधिक परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें से 80% से अधिक परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और प्रभावित राज्यों को 3 हजार 296 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।