केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में गंगा आमरण अभियान समारोह को संबोधित किया । इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के ‘नमामि गंगे’ अभियान से गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता सुधरी है। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार के ‘नमामि गंगे’ अभियान से गंगा नदी के पानी की गुणवत्ता सुधरी है। उन्होंने कहा कि मोदी जी एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो योजना को परिपूर्ण करने की क्षमता भी रखते हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि देश की अति महत्वपूर्ण नदियों में एक गंगा को स्वच्छ बनाने की यह परियोजना सफल रही है और सरकार देश की अन्य नदियों को साफ करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों के साथ मिलकर ऐसी ही अन्य पहल करेगी। शाह ने इस कार्यक्रम में कहा कि गंगा को अगर सिर्फ नदी की दृष्टि से देखेंगे, तो उसका महत्व नहीं समझ पाएंगे। उन्होंने कहा कि हजारों साल से न केवल भारत, बल्कि दुनिया को बहुत कुछ देने वाली संस्कृति का नाम और परिचय गंगा है।
गृह मंत्री ने कहा कि गंगा का नाम लेते ही देश के बहुत बड़े हिस्से के मन में पुज्य और श्रद्धा का भाव आता है। उन्होंने कहा कि हजारों औषधियों के बीच से बहती गंगा अपने जल में ही सैकड़ों औषधीय गुण को लेकर बहती रही, लेकिन दुर्भाग्य से इसके औषधीय गुणों पर कभी रिसर्च नहीं हुई।गंगा की तरह दुनिया में किसी और नदी के प्रति इतनी श्रद्धा जनमानस में नहीं देखी गई है। बीजेपी नेता ने कहा कि भारत का आध्यात्मिक इतिहास, ज्ञान का इतिहास, भारतीय संस्कृति का इतिहास या अर्थतंत्र का इतिहास लिखना हो, तो वो गंगा के बिना संभव नहीं है।
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उन्होंने कहा कि गंगा जल का, गंगा के किनारे का या गंगा से जुड़े यातायात को देखें, तो गंगा ने हमारे अर्थतंत्र में बहुत बड़ा योगदान है। अमित शाह ने कहा कि जब 2014 में देश ने एक युगांतरकारी परिवर्तन कर पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार बनाई, तब उसके बाद नमामि गंगे अभियान शुरु हुआ। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने का, जल मार्ग से जुड़ा अभियान नहीं है, बल्कि देश में एक संस्कार बनाने का अभियान है, कि फिर गंगा प्रदुषित न हो।
उन्होंने कहा कि नमामि गंगे का विचार देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया। उन्होंने कहा कि मोदी जी एक ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो योजना को परिपूर्ण करने की क्षमता भी रखते हैं।