सरकार ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह माह और बढ़ने का प्रस्ताव और राज्य के जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे गांवों में रहने वाले लोगों को आरक्षण का लाभ दिये जाने संबंधी विधेयक को लोकसभा में पेश किया।
गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में इस विधेयक को रखते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य में स्थायी शांति एवं कानून व्यवस्था कायम करने के लिए आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने की कार्रवाई जारी रहेगी।
श्री शाह ने कहा कि राज्य में राज्यपाल शासन एवं राष्ट्रपति शासन के दौरान एक साल में पहली बार आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनायी गयी है और सरकार आतंकवाद का जड़ से सफाया करने में कोई कसर नहीं छोड़गी। उन्होंने कहा कि इस साल के उत्तरार्द्ध में जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराये जाएंगे।
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सरहद की सुरक्षा एवं जनता का कल्याण जम्मू-कश्मीर के लिए सरकार के प्रमुख लक्ष्य हैं। श्री शाह ने रक्षा मंत्री एवं पिछली सरकार में गृह मंत्री रहे श्री राजनाथ सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा कि श्री सिंह ने राज्य की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जो भी फैसले लिये थे, उन्हें उनकी निर्धारित समयसीमा में पूरा किया जाएगा।