राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) देश के विकास में अपनी खास भूमिका निभाता रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि एएमयू वर्ष 2020 में अपने सौ साल पूरे करने जा रही है। इस विश्वविद्यालय की एक प्रभावशाली परंपरा रही है।
उन्होंने कहा, ”यहां के पूर्ववर्ती छात्रों ने हमारे देश के लिए तरक्की की शानदार मिसालें पेश की हैं जिन पर हमें गर्व है। उनसे प्रेरणा लेकर आप अपनी जिंदगी के मकसद तय कर सकते हैं और अपनी अलग पहचान बना सकते हैं। इस यूनिवर्सिटी की विरासत को आगे ले जाने की जिम्मेदारी आप सब की है और मुझे विश्वास है आप ऐसा करेंगे।”
राष्ट्रपति कोविंद आज एएमयू के 65वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आयोजित समारोह में उन्होंने कहा, ”बीसवीं सदी के शुरुआती दौर में हमारी आज़ादी की लड़ाई जोरों पर थी। साथ ही, हमारे देश में समाज और संस्कृति के सभी पहलुओं में आधुनिकता को बढ़ावा देने और निरर्थक परम्पराओं से मुक्त होने का अभियान भी पूरे जोश पर था। उस दौर में, इंसान की बेहतरी और तरक्की के लिए तालीम की बुनियादी अहमियत पर ज़ोर देने वाले महापुरुषों ने भारतीय मूल्यों पर आधारित आधुनिक शिक्षा के प्रसार के लिए अनेक शिक्षण संस्थानों की स्थापना की।”
राष्ट्रपति ने कहा कि एएमयू के लिए आर्थिक सहायता देने वालों में बनारस के महाराजा भी शामिल थे। ऐसे महत्वपूर्ण संस्थानों को किसी समुदाय से जोड़कर देखने की आवश्यकता नहीं है। इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है।
उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, आज की जरूरतों को ध्यान में रखकर नये काम किए जा रहे हैं। यहां एक ‘सेंटर फॉर अडवांस्ड रिसर्च इन इलेक्ट्रिफाइड ट्रांसपोर्टेशन’ की शुरुआत की गई है जिसमें भारत सरकार और इंडस्ट्री के साथ संपर्क बनाकर उपयोगी तकनीक के विकास से जुड़ा अध्ययन किया जा रहा है। आधुनिकता के लिए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ प्रगतिशील सोच भी जरूरी है जिसके मुताबिक समाज का हर तबका बराबरी और भाईचारे के साथ आगे बढ़ता रहे।
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