पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के संविधान व धर्मनिरपेक्षता के बारे में दिए गए बयान पर लगातार बढ़ते विरोध के कारण लोकसभा में माफी मांगनी पड़ी। मामले को बिगड़ता देख हेगड़े को अपने दिए बयान पर सफाई देनी पड़ी कि संविधान में उनकी पूरी आस्था है। उन्होंने कहा, “मेरे बयान को लेकर जो सदन में गतिरोध चल रहा है, मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि मेरे लिए संविधान सर्वोपरि है।
संसद मेरे लिए सर्वोपरि है, कभी किसी भी हालत में संसद के खिलाफ नहीं बोल सकता। मैं संसद का सम्मान करता हूं.” लोकसभा में हेगड़े ने बृहस्पतिवार को यह कहकर सदस्यों से माफी मांगी कि अगर उनके बयान से किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो इसके लिए वह माफी मांगते हैं। लेकिन सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे समेत अन्य दलों के कुछ नेताओं ने इस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि हेगड़े ने जो बयान दिया था, उसे देखते हुए इतना कह देना काफी नहीं है।
इस पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि कभी-कभी जीवन में ऐसा होता है कि आपको अपनी कही बात तो ठीक लगती है लेकिन दूसरों को इससे ठेस पहुंच सकती है। माफी मांगने से कोई छोटा नहीं होता है। इतना तो आप कह ही सकते हैं कि अगर सदन में इससे किसी को ठेस पहुंची है, तो माफी मांगते हैं।
अनंत कुमार हेगड़े ने कहा कि अगर इस बात से, जिसे गुमराह करके पेश किया गया है, जो बात मैंने कही नहीं, उससे किसी की भावना को ठेस पहुंची है, तो मुझे माफी मांगने में कोई संकोच नहीं है। वही अनंत कुमार हेगड़े के इस बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी आलोचना की।
राहुल ने कांग्रेस के 133वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने हमेशा सच का साथ दिया है, आज के समय में बाबा साहेब अंबेडकर का दिया हुआ संविधान खतरे में है, उस संविधान पर हमला हो रहा है। ये देखना दुखद है। लेकिन हमारा कर्तव्य है कि हम संविधान की रक्षा करें।”
बुधवार को राज्यसभा में भी विपक्ष ने उनके बयान को लेकर जमकर हंगामा किया, और कार्यवाही को स्थगित करने पर मजबूर किया। इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सत्र खत्म होने में कुछ ही दिन शेष हैं, इसलिए विवाद को भूल सरकार-विपक्ष को एक ही पेज पर आना चाहिए।
हेगड़े के माफी मांगने के बाद सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चली। उल्लेखनीय है कि हेगड़े के संविधान एवं धर्मनिरपेक्षता संबंधी विवादास्पद बयान पर उन्हें बर्खास्त करने की कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की मांग को लेकर लोकसभा में बुधवार को भारी हंगामा हुआ था और सदन की कार्यवाही में बाधा आई थी। विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही को 4 बार स्थगित करना पड़ा था।
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