जम्मू : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने समूचे देश में मूर्तियों को नुकसान पहुंचाए जाने पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि किसी को भी ऐसी चीज़ें करने का अधिकार नहीं है। हजारे ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जंग दोनों देशों को तीन दशक पीछे ले जाएगी। अगर पाकिस्तान शांति की भाषा नहीं समझता है तो युद्ध होना चाहिए। बहरहाल, हजारे ने जम्मू कश्मीर के लोगों को सलाह दी कि लाठी और डंडों को छोड़कर शांतिपूर्ण तरीकेसे उनके मुद्दों को हल करने में मदद कर सकते हैं, क्योंकि‘ अहिंसा, हिंसा से ज्यादा ताकतवर है।’’ यहां अपनी पहली जनसभा को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि मूर्तियों को गिराना या उन्हें क्षतिग्रस्त करना अच्छा नहीं है, जो देश में हो रहा है।
देश के विभिन्न हिस्सों में मूर्तियों को क्षतिग्रस्त करने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में80 वर्षीय कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘ देश में जो हो रहा है, यह सही नहीं है। इन मूर्तियों को उनकेयोगदान को याद रखते हुए बनवाया गया था।’’ हजारे ने कहा कि आजकल पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे संघर्ष विराम उल्लंघनकी घटनाओं में युद्ध की तुलना में भारत के अधिक सैनिकों की जान जा रही है। हजारे इंटरनेशनल एंटी करप्शन और ह्यूमन राइट्स काउंसिल के अध्यक्ष मनजोत सिंह कोहली के निमंत्रण पर यहां आए हैं, ताकि वह इस महीने के अंत में नई दिल्ली में होने वाले अपने आंदोलन के लिए लोगों का समर्थन मांग सकें। उनका यह आंदोलन जनलोकपाल और किसानों के मुद्दे पर होगा।
बहरहाल, रैली में लोगों की तादाद बहुत कम थी। कोहली ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता के व्यस्त कार्यक्रम के चलतेहुई प्रचार की कमी के कारणरैली में कम लोग आए। जम्मू कश्मीर के लेागों को संदेश देने के बारे में पूछा गया तो हजारे ने कहा कि देश कई परेशानियों का सामना करता है लेकिन ये लाठी और बंदूकों’ से हल नहीं होंगी। उन्होंने आतंकवादियों के संदर्भ में कहा, ‘‘ जितने ज्यादा शांतिपूर्ण तरीके हम अपनाएंगे, उतने ही मुद्दे हल हो जाएंगे। अहिंसा हिंसक माध्यमों से अधिक ताकतवर है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग बाहरी नहीं है बल्कि हमारे भाई हैं।
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