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अन्ना हजारे के अनशन का आज दूसरा दिन, इस आंदोलन को दिया ‘जन आंदोलन सत्याग्रह’ नाम

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आखिर सात साल बाद देश में ऐसा क्‍या हुआ कि एक बार फ‍िर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी। अनिश्चितकाली भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना हजारे ने कहा है कि जो भी इस आंदोलन में शामिल हो वो एक हलफनामे पर साइन करे की वो कभी राजनीति में शामिल नहीं होगा ना ही कोई राजनीतिक पार्टी ज्वाइन करेगा। वो केवल देश की सेवा करेगा। मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी और ग्रुप को इस मंच पर आने नहीं दूंगा।

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी लोकपाल के बारे में गंभीर नहीं रहे। अन्ना हजारे ने कहा कि लोकपाल की नियुक्ति के पीछे देरी का कारण यह है कि प्रधानमंत्री को डर है कि एक बार इसके वास्तविकता बन जाने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय व उनके कैबिनेट के सदस्य इसके दायरे में आ जाएंगे।

अन्ना ने कहा कि अंग्रेज बेशक देश छोड़कर चले गए हैं लेकिन लोकतंत्र अबतक नहीं आया। उन्होंने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि इस आंदोलन को सफल होने से रोकने के लिए कई स्थानों पर ट्रेनें तक रद्द कर दी गई हैं। अन्ना कहा कि हार्ट अटैक से मरने से अच्छा है कि जनता की भलाई करते हुए मर जाऊं।

बता दे कि अन्ना के इस आंदोलन को ‘जन आंदोलन सत्याग्रह’ नाम दिया गया है। बैनर पर सक्षम किसान, सशक्त लोकपाल और चुनाव सुधार जैसी तीन प्रमुख मांगें भी लिखी हुई हैं। भारतीय किसान यूनियन समेत देश के कई दूसरे किसान संगठनों ने अन्ना के इस आंदोलन को समर्थन दिया है। 2011 के आंदोलन को ‘जन लोकपाल’ नाम दिया गया था।

अन्ना हजारे ने पहले ही दिन साफ कर दिया कि आम आदमी पार्टी समेत किसी भी राजनीतिक दल के नेता, सदस्य, कार्यकर्ता या समर्थक उनके आंदोलन के मंच पर नहीं आ सकते. वैसे दिल्ली की सत्ता पर काबिज़ आम आदमी पार्टी 2011 में हुए अन्ना आंदोलन के गर्भ से ही निकली पार्टी है।

जानिए , अन्‍ना हजारे की 7 मांगें :-
– किसानों के कृषि उपज की लागत के आधार पर डेढ़ गुना ज्‍यादा दाम मिले।
– हर राज्य में सक्षम लोकायुक्त की नियुक्‍त किया जाए।
– कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा तथा सम्पूर्ण स्वायत्तता मिले।
– लोकपाल कानून को कमजोर करने वाली धारा 44 और धारा 63 का संशोधन तुरंत रद्द हो।
– लोकपाल विधेयक पारित हो और लोकपाल कानून तुरंत लागू किया जाए।
– चुनाव सुधार के लिए सही निर्णय लिया जाए।
– खेती पर निर्भर 60 साल से ऊपर उम्र वाले किसानों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए पेंशन।

आपको बता दे कि समाजसेवी अन्ना हजारे 7 साल बाद एक बार फिर दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन पर बैठे हैं। अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने से पहले शुक्रवार को अन्ना हजारे ने सुबह 9 बजे राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी। वो करीब आधे घंटा वहां रुके। रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के साथ आने वाले हज़ारों प्रदर्शनकारी हमें 2011 के अन्ना आंदोलन की याद दिलाते हैं।

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