भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाले गठबंधन में शामिल तमाम छोटे क्षेत्रीय दलों ने 2024 में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक विकल्प तैयार करने की भूमिका बनाते हुए भाजपा को आगाह किया है कि अगर छोटे दलों को उचित सम्मान नहीं मिला वे ‘राजनीतिक विकल्प महासंघ’ के बैनर तले आम चुनाव में प्रत्याशी उतारेंगे। ‘राजनीतिक विकल्प महासंघ’ के संयोजक गोपाल राय ने रविवार को बताया कि सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों की परंपरागत राजनीति से आजिज आ चुकी जनता को राजनीतिक विकल्प तलाश है।
वही, उन्होंने कहा कि ‘राजनीतिक विकल्प महासंघ’ की शनिवार को यहां संपन्न हुइ बैठक में राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी सहित लगभग दो दर्जन पार्टियों के अध्यक्षों ने शिरकत कर भाजपा को क्षेत्रीय दलों की उपेक्षा न करने के प्रति आगाह किया। राय, राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए उप विधानसभा चुनाव में महासंघ के सभी दलों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह एवं प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह के कहने पर भाजपा को समर्थन दिया था। जिससे भाजपा की प्रचंड बहुमत से सरकार बनी।
सभी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ निति का किया था समर्थन
इसी के साथ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विचारधारा वाले इन सभी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ ‘सबका साथ सबका विकास’ पर आधारित नीतियों का समर्थन किया था। राय ने कहा कि ऐसी स्थिति में दुर्भाज्ञ है कि भाजपा के कोई भी नेता छोटे दलों के संपर्क से दूर हो रहे हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में इन दलों के नेताओं ने सोचा था कि प्रधानमंत्री मोदी के विचारों को आगे बढ़या जाएगा। इन दलों से वादा किया गया था कि दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री की जिम्मेदारी इन्हें दी जाएगी।
हालाँकि, इस पर अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया। राय ने आगाह किया कि अगर उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला तो महासंघ के सभी लोग मिलकर अपने गठबंधन के प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव में उतारेंगे। बैठक में मानव मानवता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्यस मानव, ऑल इंडिया शिया प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जाफर हुसैन नकवी और आदर्श लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष शाकिर अली उस्मानी सहित दो दर्जन दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपस्थित रहे।