सरकार ने मंगलवार को कहा कि सहकारी बैंकों में खाते रखने वाले 98.5 प्रतिशत लोगों के पैसे सुरक्षित हैं क्योंकि उनकी रकम पांच लाख रुपए से कम है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी के संबध में केंद्र सरकार जल्द ही एक विधेयक लाएगी। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों में जिन लोगों के खाते होते हैं, उनमें लगभग 98.5 प्रतिशत लोगों का सारा पैसा सुरक्षित होता होता है क्योंकि उनकी रकम पांच लाख से कम है। उन्होंने कहा कि विगत में बैंकों में दिक्कतें आने पर लोगों को पैसे नहीं मिलते थे क्योंकि जमा बीमा कवर सिर्फ एक लाख रुपए का ही होता था और मौजूदा सरकार ने इस कवर को बढ़ा कर पांच लाख रूपए कर दिया है। यह प्रावधान सहकारी बैंकों पर भी लागू होते हैं।
ठाकुर ने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में एनपीए (गैर-निष्पादित आस्तियां) 11.18 प्रतिशत से कम होकर 7.49 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमारे बैंक अच्छा काम कर रहे हैं और भारत जैसे देश में, हमें अधिक बैंकों और मजबूत बैंकों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने पिछले छह वर्षों में विभिन्न कदम उठाए हैं। इनमें बैंकों को पुनर्पूंजीकरण करना, बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना शामिल है। इसके अलावा विभिन्न ऋणों के लिए परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा की जा रही है।
ठाकुर ने कहा कि रिजर्व बैंक, सेबी आदि जैसी नियामक संस्थाओं के पास क्रिप्टोकरेंसी को सीधे विनियमित करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है, क्योंकि वे न तो मुद्राएं हैं और न ही संपत्ति और न ही प्रतिभूतियां। उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून इस विषय से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं हैं और सरकार ने इस संबंध में एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया जिसने अपनी रिपोर्ट दी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक विधेयक को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द ही मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही एक विधेयक लाएगी।
ठाकुर ने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि अभी भारत में लगभग 92 कंपनियां पंजीकृत हैं जिनमें से 80 कंपनियां सक्रिय रूप से यहां काम कर रही हैं। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के संबंध में उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में जीएसटी वेबसाइट की त्रुटियों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में दर्ज की गई शिकायतों की संख्या कम हो कर केवल 0.03 प्रतिशत रह गयी है।
उन्होंने कहा कि जनवरी से दिसंबर, 2020 तक जीएसटी पोर्टल 99.49 प्रतिशत समय उपलब्ध था और पूरे पोर्टल के ठप हो जाने की कोई घटना नहीं हुयी। उन्होंने कहा कि जीएसटी प्रणाली को उन्नत किया गया है और एक साथ 3,00,000 से अधिक लोग इसका उपयोग कर सकते हैं। ठाकुर ने कहा कि किसी एक दिन में सबसे ज्यादा रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 23.86 लाख थी। एक दिन में सबसे अधिक भुगतान लेनदेन 9.55 लाख से अधिक था। जीएसटी संबंधी सक्रिय करदाताओं की कुल संख्या 1.26 करोड़ है।