कोरोना महामारी के चलते प्रवासी श्रमिकों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल रहा है। इस बीच, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने प्रवासी श्रमिकों पर उपयुक्त आंकड़ों की जरूरत का शनिवार को जिक्र करते हुए कहा कि इससे अधिकारियों को उन्हें आवश्यक कौशल प्रदान करने और रोजगार के अवसर मुहैया करने में मदद मिलेगी।
नायडू ने कोरोना वायरस और इससे निपटने के उपायों पर एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि इस महामारी से जुड़ी घटनाओं में दुर्भाग्य से गरीब, दिहाड़ी मजदूर, किसान और छोटे कारोबारी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। केंद्र और राज्यों की सरकारों ने गरीबों और जरूरतमंदों, विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों की मुश्किलें कम करने के लिये कई कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हालिया घटनाएं देश में प्रवासियों पर उपयुक्त आंकड़ों की जरूरत को उजागर करती हैं। इस तरह के डेटा तैयार करने से सरकार को उन्हें कौशल प्रदान करने और उनके स्थानों पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी।’’साथ ही उन्होंने कहा, प्रवासियों के कल्याण एवं उत्थान के लिये उनके बीच जागरूरकता पैदा करने की जरूरत है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ हफ्तों में लाखों प्रवासी श्रमिक रोजगार खोने के बाद अपने मूल राज्यों को लौटे हैं। नायडू ने कहा कि कई विकसित देशों की तुलना में भारत कोविड-19 संकट से निपटने में सराहनीय रूप से सफल रहा है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के मुताबिक यदि लॉकडाउन नहीं होता तो और कई गुना अधिक संख्या में लोगों की मौत हुई होती। उन्होंने कहा कि आने वाले हफ्ते अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। सरकार और लोगों, दोनों की यह जिम्मेदारी है कि निकट भविष्य में संक्रमण के मामले नियंत्रित किये जाए।
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