कोविड-19 से निपटने के लिए संपूर्ण देश में लॉकडाउन का दूसरा चरण जारी है और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंत्रियों के साथ बैठक के बाद गृह मंत्रालय ने 14 दिनों के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया है। ये लॉकडाउन की अवधि 3 मई के बाद से लागू होगी जो 17 मई तक जारी रहेगी। महामारी से निपटने के लिए कोरोना वॉरियर्स 24 ×7 पूरी तरह से जुटे हुए हैं। इस बीच, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि सशस्त्र बल ‘फ्लाई-पास्ट’कर कोविड-19 रोगियों के इलाज में जुटे अस्पतालों पर फूल बरसा कर और नौसेना के जहाजों को प्रकाशमान कर ‘कोरोना योद्धाओं’ के प्रति आभार जताएंगे।
सेना के तीनों अंगों (थल सेना, वायुसेना और नौसेना) के प्रमुखों के साथ एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में जनरल रावत ने कहा कि कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिये राष्ट्र एकजुटता के साथ खड़ा है और इस महामारी से शीघ्र उबरने की क्षमता प्रदर्शित की है। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन सभी कोरोना योद्धाओं का आभार प्रकट करते हैं, जो हमें सुरक्षित रखने के लिये कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ’’सीडीएस ने कहा कि भारतीय वायुसेना कोरोना योद्धाओं के प्रति आभार प्रदर्शित करने के लिये तीन मई को देश भर में ‘फ्लाई- पास्ट’करेगी।
संवाददाता सम्मेलन में सीडीएस जनरल रावत के साथ थल सेना प्रमुख एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मवीर सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया भी उपस्थित थे। जनरल रावत ने कहा कि वायुसेना कोरोना योद्धाओं को धन्यवाद देने के लिये श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) से तिरूवनंतपुरम (केरल) तक और डिब्रूगढ़ (असम) से लेकर कच्छ (गुजरात) तक ‘फ्लाई-पास्ट’करेगी। वायुसेना के लड़ाकू विमान तीन मई की शाम को फ्लाई-पास्ट में भाग लेंगे। सीडीएस ने कहा कि नौसेना के हेलीकॉप्टर कोविड-19 रोगियों का इलाज कर रहे अस्पतालों पर फूल बरसाएंगे।
जनरल रावत ने कहा कि थल सेना लगभग प्रत्येक जिले में कुछ कोविड-19 अस्पताल के सामने माउंटेन बैंड का प्रदर्शन करेगी, जबकि नौसेना के जहाज कोरोना योद्धाओं का आभार जताने के लिये विशेष अभ्यास करेंगे और जहाजों को प्रकाशमान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल उन लोगों के पीछे मजबूती से खड़ा है, जो कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहे हैं। जनरल रावत ने जोर देते हुए कहा कि कोविड-19 के चलते कोई अभियान कार्य प्रभावित नहीं हुआ है और न प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि इस निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं है कि कोरोना वायरस महामारी जैविक (बायोलॉजिकल) युद्ध का परिणाम है।